अयोध्या में वरिष्ठ पत्रकार मनमीत गुप्ता पर झूठे आरोप लगाने वाले तथाकथित संत परमहंस दास के खिलाफ अयोध्या के संतो ने ही मोर्चा खोल दिया है। परमहंस दास की वास्तविकता खुद अयोध्या के प्रमुख संत पीठाधीश्वर ने सामने रख दी है।
अपने आप को जगद्गुरू लिखने वाला उदय रामदास उर्फ परमहंस दास के खिलाफ अयोध्या के संत समाज ने महंत कमलनयन दास की अध्यक्षता में जिला प्रशासन को मुकदमा दर्ज किए जाने वा अयोध्या से निष्कासित किए जाने क्या ज्ञापन रेजीडेंट मजिस्ट्रेट को सौंपा है।
अयोध्या के संत समाज ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिराम दास छावनी वाल्मीकि मंदिर में बैठक कर उदय राम दास उर्फ परमहंस दास को संत समाज से बहिष्कृत कर दिया है।
संतों का आरोप है की उदय राम दास अपने नाम के आगे जगद्गुरु फर्जी तरीके से लिखता है । उसको किसी भी अखाड़े ने जगद्गुरु की पदवी नहीं दी है। साथ ही वह तपस्वी छावनी का महंत भी नहीं है। इसके अलावा वह परमहंस दास की पदवी भी फर्जी तरीके से लिखता है। संत समाज इसका विरोध करता है और जिला प्रशासन को उदय राम दास के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए अयोध्या से निष्कासन करने की मांग करता है।
उदय रामदास तथाकथित परमहंस दास अयोध्या को बदनाम करने की साजिश रच रहा है। यह आरोप अयोध्या के संतो ने लगाया है। संतो ने मांग किया है कि अगर जिला प्रशासन ने उसके खिलाफ कार्यवाही नहीं किया तो संत समाज खुद कठोर निर्णय लेगा।
संत समाज ने यह भी मांग किया है कि तपस्वी छावनी पर अवैध कब्जे को उदय राम दास से मुक्त कराया जाए , अवैध असलाह की फ़ोटो वायरल की जांच के साथ कानूनी कार्यवाही की जाए। संतो ने मीडिया से कहा है कि वह इसके वक्तव्यों को संतो की प्रतिक्रिया नही समझें ।
इस बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास , रामलला मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास , दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास , राम बल्लभा कुंज के अधिकारी जी महंत राजकुमार दास , हनुमानगढ़ी नाका के महंत रामदास , अचारी मंदिर के महंत विवेक अचारी , वैदेही भवन के महंत राम जी शरण , बावन मंदिर के महंत वैदेही बल्लभ शरण , डांडिया मंदिर के महंत गिरीश दास , कथा व्यास पवन कुमार दास शास्त्री , हनुमानगढ़ी के महंत मेघनाथ दास , संत कविराज दास सहित संत महंत सामिल हुए ।
आपको बताते चलें की वरिष्ठ पत्रकार मनमीत गुप्ता पर लगे झूठे आरोप पर उदय राम दास उर्फ परमहंस दास पर एफ आई आर दर्ज हो चुकी है । साथ ही ₹10 लाख का मानहानि का दावा भी किया गया है ।