वसुंधरा, गाजियाबाद स्थित जनसत्ता सोसाइटी में घरेलू सहायिका के लिए रखी गई एक नाबालिग लड़की को एक महिला द्वारा पिछले कई महीनों से बुरी तरह प्रताड़ित किया जा रहा था। यह महिला पत्रकार मनमोहन शर्मा की बेटी रीना शर्मा थी. वह हर रोज लड़की के साथ मारपीट करती थी. लगातार पीटे जाने की वजह से बुरी तरह से घायल लड़की कल रात में किसी तरह घर से भाग निकली और सोसाइटी में ही छिप गई. सुबह उसे गार्ड ने देखा तो सोसाइटी के अध्यक्ष अजेय कुमार और सचिव पूर्णिमा अरुण को खबर दी. लड़की की स्थिति बहुत खराब थी। उन दोनों लोगों ने तत्काल बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं और मेरा रंग फाउंडेशन से संपर्क किया.
बचपन बचाओ आंदोलन की तरफ से अरशद और केसी जार्ज सोसाइटी पहुँचे और लड़की को लेकर इंदिरापुरम थाने पहुँचे. लड़की के पूरे शरीर पर गहरी चोटें लगी थीं, दोनों हाथ सूज गए थे. उसका एक कान बुरी तरह से सूजा हुआ था, सिर के ऊपरी हिस्से पर गहरी चोट लगी थी, एक पैर पर खौलते पानी से जलने का निशान था और पैर के घाव से लगातार खून रिस रहा था. लड़की की बेहद गंभीर हालत देखते हुए उसे तुरंत अस्पताल रेफर किया गया. मेरा रंग फाउंडेशन की टीम और एक महिला कांस्टेबल के साथ उसे अस्पताल भेजा गया और वहां तुरंत भर्ती किया गया था. इस बीच बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने थाने में एफआईआर की प्रक्रिया शुरू कर दी.
लड़की सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल की रहने वाली है. उसने अपने बयान में बताया कि जनसत्ता सोसाइटी में B- 101 में रहने वाले मनमोहन शर्मा की बेटी रीना शर्मा उसे अक्सर डंडे, चप्पल या हाथ से मारती थीं. जब 24 तारीख को उसको बहुत पीटा गया तो वह भागकर सीढ़ियों के नीचे छिप गई. बचपन बचाओ आंदोलन संस्था ने रीना शर्मा के खिलाफ मारपीट, चाइल्ड लेबर, बंधुआ मजदूरी और ट्रैफिकिंग की धाराएँ लगाने का अनुरोध किया था.
देर शाम पुलिस ने रीना शर्मा के खिलाफ FIR संख्या- 349/2024 के तहत 3/14/75/79 व 323 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है. इस बेहद अमानवीय और शर्मसार कर देने वाली घटना के बाद बचपन बचाओ आंदोलन और मेरा रंग फाउंडेशन ने प्रदेश सरकार, यूपी पुलिस तथा महिलाओं और बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थाओं और एजेंसियों से आगे आने और पीड़िता को न्याय दिलाने का अनुरोध किया है.
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