सुहैल हाशमी-
24 घंटों के भीतर घर फाइनल हो गया। बस यही खूबसूरती है मेरे मुल्क की यहां हर एक इंसान एक दूसरे की मदद करने के लिए तैयार रहता है।
इस टेंशन भरे सफर में मैंने हजारों अच्छे लोग और नए रिश्ते कमा लिए जिन्हें आज से पहले कभी जानता भी नहीं था वो एक पल में अपनी बेलौस मुहब्बत मुझपर लुटाते हुए मेरे लिए मेरे साथ खड़े रहे और मेरे हौसले को किसी ने भी टूटने नहीं दिया। आज का दिन बेहद खास रहा वाकई।
दिन शुरू हुआ आंख जैसे ही खुली फोन का डेटा ऑन करते ही नोटिफिकेशन जो बजने चालू हुए उस पल में मुझे महसूस हुआ कि एक घर नहीं हजारों घर जैसे मेरा इंतजार कर रहे हैं और मुझे बस कोई एक ऑप्शन चूज़ करना है। मैंने कल रात अपनी पोस्ट में दिल्ली और एनसीआर की चंद लोकेशन ही मेंशन की थी लेकिन देशभर के हर इक कोने से मुझे घर ऑफर किए गए।
दिन शुरू होते हुए मैंने देखा कि पूरा मुल्क जैसे मेरे साथ खड़ा है और बस मुझे ऑप्शन चूज़ करने के लिए बोल रहा है। ये दुनिया है और इसमें हर तरह के लोग हैं सबकी अपनी सोच है अपना नज़रिया किसी को क्या ही कहा जाये।
खैर, मैंने उम्मीद तो नहीं छोड़ी थी हां लेकिन इस माहौल को देखते हुए बस ये डर था कि अगर घर नहीं मिला तो मैं और मेरा सामान सब सड़क पर होंगे।
आप सभी ने अपने-अपने लेवल पर हर एक शहर से जिस मुहब्बत के साथ मेरे लिए जो भी कोशिशे कि वो मैं मरते दम तक नहीं भूल पाऊंगा। मुझे महसूस ही नहीं हुआ कि मैं अकेला हूं। आप सभी ने मुझे ये यकीन दिलाया कि तुम्हें बेघर नहीं होने देंगे।
खुदा का शुक्र है कि घर फाइनल हो गया और Sonia Jain मैम के रिफरेंस से हर एक चीज़ को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली के मयूर विहार फेस 1 में जाकर तलाश मुकम्मल हुई और शाम में ऑफिस से घर लौटते वक्त घर फाइनल करके टोकन मनी देकर घर रोका।
सोनिया जैन मैडम और डीलर बबलू खान आपका एहसान कभी भूल नहीं पाऊंगा। मुझे गुरूर है कि मैं भारतीय मुसलमान हूं।
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