
कृष्ण कांत-
राहुल गांधी के बयान के बहाने मुस्लिम लीग पर बहस छिड़ गई है। राहुल गांधी ने अमेरिका में एक सवाल के जवाब में कहा कि केरल की पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) सेकुलर है। भाजपाई ऐसे बता रहे हैं कि राहुल गांधी ने जिन्ना वाली मुस्लिम लीग को सेकुलर कह डाला है। अव्वल तो भाजपाई केरल वाली इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को जिन्ना वाली मुस्लिम लीग से जोड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें पहले यह सवाल आडवाणी से पूछना चाहिए जो पाकिस्तान जाकर जिन्ना की मजार पर फूल चढ़ाकर उन्हें सेकुलर घोषित कर आए थे।
भाजपा ने जो राग छेड़ा उसमें गोदी मीडिया के गुल्लू भी सुर में सुर मिला रहे हैं। क्या ये लोग भाजपा से पूछेंगे कि उसने 2012 में नागपुर नगरनिगम में IUML से गठबंधन क्यों किया था?
अब बात करते हैं 1947 से पहले वाली जिन्ना की पार्टी मुस्लिम लीग की। क्या भाजपा और आरएसएस वाले यह जवाब भी देंगे कि टू नेशन थ्योरी पर सावरकर जिन्ना एक ही राग वाला गाना क्यों गाते थे? क्या भाजपा और आरएसएस वाले इस बात का जवाब देंगे कि जिसने पाकिस्तान की मांग की और भारत का बंटवारा कराया, उस मुस्लिम लीग के साथ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में आरएसएस और जनसंघ ने गठबंधन सरकार क्यों चलाई थी?
क्या भाजपा और आरएसएस वाले यह जवाब भी देंगे कि मुस्लिग लीग के साथ गठबंधन सरकार में मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने की सलाह क्यों दी थी? क्या वे इसका भी जवाब देंगे कि सावरकर और उनकी टू नेशन थ्योरी पर अमल करने वाले जिन्ना के बीच क्या मिलीभगत थी? क्या वे इस बात का भी जवाब देंगे कि जब देश आजादी की आखिरी लड़ाई लड़ रहा था, तब श्यामा प्रसाद मुखर्जी अंग्रेजी फौज के लिए भर्ती कैंप क्यों लगा रहे थे?
कश्मीर की पीडीपी हो या केरल की IUML, भाजपा दोनों के साथ गठबंधन कर चुकी है। जब ये पार्टियां भाजपा में रहें तो लोकतांत्रिक, अन्यथा देशविरोधी और विभाजनकारी हो जाती हैं। क्या ये तर्क किसी के गले उतरने वाला है? भाजपा ऐसा तर्क क्यों देती है? क्योंकि यह खुद विभाजनकारी पार्टी है जो देश को हिंदू और मुसलमान में बांटकर राज करते रहना चाहती है।
फोटो- पाकिस्तान में भारत विभाजन के जिम्मेदार जिन्ना की मजार पर फूल चढ़ाते कथित हिंदू हृदय सम्राट लालकृष्ण आडवाणी।
