अनिल कुमार-
डीजल-पेट्रोल बढ़ने का कारण मनमोहन सिंह जी हैं. हमने मोदीजी को नेहरु से लेकर मनमोहन सिंह तक की कमियां निकालने के लिए चुना है.
जो सरकारी कंपनियां बिक रही हैं, उन सबके जिम्मेदार राहुल गांधी हैं, मोदीजी को मन बात सुनाने के लिए चुना गया है. महंगाई से जो जनता का तेल निकल रहा है, उसकी जिम्मेदार ममता बनर्जी हैं.
मोदीजी को हमलोगों ने चुनावी भाषण देने के लिए चुना है. हालात सुधारने की जिम्मेदारी आडवाणी जी की है, मोदीजी को हमलोगों ने केवल श्रेय लेने के लिए चुना है.
साभार… दो कौड़ी के जागरण से.
भाजपा समर्थक पत्रकार राजीव रंजन झा भी मानते हैं कि कांग्रेसी सरकारों की वजह से पेट्रो प्राइस में वृद्धि हो रही है। वे न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर का हवाला देते हैं। देखें-
“महान अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री के समय जारी तेल बांड का सीधा-सरल मतलब समझायें तो यही है कि उनकी सरकार ने मोदी सरकार के खजाने से पैसा चुराया। चलिए, इतनी कड़ी भाषा आपको अच्छी न लगे तो कह लीजिए कि भविष्य से उधार ले लिया। लेकिन भविष्य से लिया हुआ उधार हमेशा कष्ट देता है.”