योगीराज में यूपी के हर जिले में पत्रकारों को जेल भेजने या पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा लिखने की घटनाएं तेज हो गई हैं. नोएडा, मिर्जापुर, बिजनौर के बाद अब आजमगढ़ से सूचना है कि यहां पत्रकार को पुलिस वालों ने इसलिए जेल भेज दिया क्योंकि उसने कभी इंस्पेक्टर के खिलाफ एक खबर छाप दी थी.
आजमगढ़ के पत्रकार संतोष जायसवाल फिलहाल जेल की हवा खा रहे हैं. वे स्कूल में बच्चों द्वारा झाड़ू लगवाए जाने की खबर कवर करने गए थे. पुलिस वालों ने स्कूल के मास्टरों से तहरीर लेकर संतोष जायसवाल को जेल भेज दिया. बताया जाता है कि इंस्पेक्टर फूलपुर काफी दिन से संतोष से नाराज था क्योंकि संतोष ने फर्जी नंबर की स्कार्पियो इंस्पेक्टर फूलपुर द्वारा रखे जाने की खबर का प्रकाशन किया था. इस खबर से इंस्पेक्टर चिढ़ा हुआ था. उसने मौका देखकर संतोष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लिया और जेल भेज दिया.
आज़मगढ़ पुलिस के इस कारनामे से पत्रकारों में रोष है. पत्रकारों के खिलाफ लगातार साजिश कर रही है आज़मगढ़ पुलिस. अपराधियो के साथ होती है पुलिस की फोटो सेल्फी. पर खबर छापने वालों के साथ दुश्मन सरीखा बर्ताव करते हैं पुलिसवाले.
ज्ञात हो कि संतोष जायसवाल ने इंस्पेक्टर फूलपुर की बिना नंबर प्लेट और काली फिल्म लगी स्कार्पियो की एक तस्वीर के साथ यूपी पुलिस को ट्वीट कर दिया. जवाब में यूपी पुलिस ने आमगढ़ पुलिस को मामले को देखने को कहा. आजमगढ़ पुलिस ने बताया कि ये स्कार्पियो दो महीने पहले ही खरीदी गई, तब नंबर नहीं आवंटित हुआ था. अब नंबर मिल गया है जो इस प्रकार है. जो नंबर यूपी पुलिस ने दिया, वह नंबर बाइक का निकल गया. इसको लेकर लोगों ने यूपी पुलिस और आजमगढ़ पुलिस की खूब खिंचाई कर दी. इस सबसे इंस्पेक्टर फूलपुर इतना नाराज हुए कि एक फर्जी केस बनाकर पत्रकार संतोष को जेल भेज दिया.
देखेँ इस प्रकरण से संबंधित ट्वीट और खबर-
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