इस समय दो तीन ऐसे न्यूज चैनल हैं जो बिना लांच हुए ही खूब चर्चा में हैं. लेकिन ये चर्चा अच्छे कारणों से नहीं बल्कि नकारात्मक वजहों से है. एक चैनल इंडिया नाऊ नाम से लांच होने वाला है जिसके मालिक के फर्जीवाड़े का आलम ये है कि चैनल में तीन तीन संपादक आए और गए. इसी तरह नेशनल वायस नामक एक चैनल लांच होने वाला है जिसमें एडिटर इन चीफ पद पर कार्यरत प्रबल प्रताप सिंह अब चैनल से मुक्त हो चुके हैं.
इस चैनल से जुड़े एक शख्स ने भड़ास को बताया कि मीडिया के मालिकों ने अब दिहाड़ी मज़दूर रखना शुरू कर दिया है. जैसे ही उन्हें लगा कि अब इनसे आगे काम कराने की औकात नहीं है, वैसे ही मजदूरों को निकाल कर बाहर कर दो. ऐसा ही किस्सा National voice नाम के चैनल में हो रहा है. कहने को तो पहले रीजनल चैनल फिर नेशनल चैनल की बात थी लेकिन पोल पहले महीने के बाद ही खुल गई. MD अगर चैनल का एडिटोरियल देखे तो इसे आप क्या कहेंगे?
जिस चैनल के साथ प्रबल जी जैसा संपादक हो उसे क्या कोई व्यापारी खबर चलाना सिखाएगा? बस यहीं से MD और प्रबल जी के बीच दूरियां आ गयीं और NATIONAL VOICE का पहला विकेट चैनल ON AIR होने से पहले ही लड़खड़ा गया है. छोटी सी टीम में हर किसी को पहले महीने की सैलेरी तक नहीं मिली. प्रबल जी के चैनल से जाते ही एक एक कर उन लोगों को भी निकाला गया जिन्हें प्रबल प्रताप जी ने रखा था. चैनल के हालात और औकात ये बयान करने के लिए काफी हैं कि जिन्हें भी निकाला गया उन्हें अभी तक सैलरी नहीं दी गई. ज्ञात हो कि इस चैनल के साथ संजीव पालीवाल भी जुड़े थे लेकिन चैनल के अंदरुनी हालात को देखते हुए वो कुछ दिनों बाद ही यहां से निकल लिए और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के हिस्से बन गए.
इस चैनल के बारे में भड़ास पर छपी शुरुआती खबर ये है…
jai prakash
March 19, 2016 at 4:14 am
malik ka haushala buland hai bcoz prakahar prakash mishra jaise dalal din bhar uski chamcha giri karte hai.. prakahar isko banayega Azad News. prakhar channel head banne ko schoch raha hai… lekin channel on air nhi hoga bcoz license nhi mila hai na milega..