‘जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो क्या होगा.’ कल इंटरनेट पोर्टल पर सूबे के 4 लाख नियोजित शिक्षकों को भ्रामक जानकारी देने वाली खबर क्या छपी. प्रभात खबर ने अपनी गलती नहीं सुधारी. उल्टे मुजफ्फरपुर संस्करण के रिपोर्टर के द्वारा प्रबंधन के ईशारे पर परिवर्तन प्रारंभिक शिक्षक संघ, बिहार के अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवाशी को भी परेशान किया जा रहा है.
मूलत: मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन के निवासी वंशीधर ने बताया कि आज उनके विद्यालय में स्थानीय संवाददाता को भेजकर उनके बारे में हेड मास्टर से पूछताछ की गई. चूंकि सोमवार को पूरे सूबे में भारी बारिश के कारण सुबह से ही प्राकृतिक आपदा की स्थिति रही. ऐसे में रिपोर्टर के विद्यालय आने का मकसद डराने धमकाने का ही था. लेकिन हमारा आंदोलन इससे कमजोर नहीं पड़ने वाल.
इस घटना से कभी सरोकारी माने जाने वाले इस अखबार की कलई खुलने लगी है कि किस तरह यह सरकार के एजेंट के रुप में काम कर रहा है. वंशीधर ने बताया कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से इस तरह के दोयम रवैये की उम्मीद नहीं की जा सकती. प्रभात खबर को नियोजित शिक्षकों के हक में खबर नहीं छापनी है तो न छापे लेकिन ऐसी ओछी हरकत ना करे.
हालांकि उन्होंने प्रदेश के अन्य अखबारों हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, राष्ट्रीय सहारा, सन्मार्ग, आज व ईटीवी, सहारा समय आदि क्षेत्रीय न्यूज चैनलों के प्रति पूरी आस्था जताई. क्योंकि ये मीडिया बैनर शिक्षकों वाली खबर छापने या दिखाने में निष्पक्षता दिखाते हैं व सावधानी बरतते हैं, अफवाह नहीं फैलाते.
श्रीकांत सौरव <[email protected]>
munna prasad
November 1, 2014 at 8:56 am
prabhat khabar ki yhi niti rhi hai