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प्रधानमंत्री ने अग्नि-5 के सफल परीक्षण की ‘प्रशंसा’ की यह सिर्फ इंडियन एक्सप्रेस के शीर्षक में है!

द टेलीग्राफ ने ‘सुबह-शाम की खबरों’ से बताया, चुनावी तैयारी शुरू, अवन प्री हीट मोड में; अभी तक कोई चुनावी मुद्दा नहीं है तो सीएए से वादा पूरा करने का दावा

संजय कुमार सिंह

आज की लीड वैसे तो तय थी। पर शाम में खबर आई कि प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करेंगे तो बहुत सारे लोगों के कान खड़े हो गये। बाद में उन्होंने अपनी घोषणा एक्स (ट्वीटर) पर की। ऐसे में आज के अखबारों में हेडलाइन मैनेजमेंट का असर साफ दिखना चाहिये। दिख भी रहा है। उसपर आने से पहले याद दिला दूं कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत का आधार बना पुलवामा 14 फरवरी को हो गया था। इस लिहाज से इस बार चुनाव के लिए के लिये पार्टी को मुद्दे की तलाश है और अयोध्या में मंदिर का मामला चुनावी मुद्दा नहीं बन सका है। इसलिए, और वैसे भी भाजपा हेडलाइन मैनेजमेंट करती है तो वह चल रहा है। इसमें मुद्दे की तलाश का प्रयास भी दिखता है। इलेक्टोरल बांड से संबंधित जानकारी देने के लिए समय मांगने वाली एसबीआई की याचिका पर कल सुनवाई थी और सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सख्ती की तो आज के अखबारों में लीड उसे ही बनना था। लेकिन राष्ट्र के नाम संबोधन की खबर के बाद स्थिति बदल गई। आइये देखते हैं, क्या हुआ। कहने की जरूरत नहीं है कि आज के अखबारों में उसका असर होना चाहिये।

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अखबारवार, हेडलाइन मैनेजमेंट को समझने के लिए आज आपको पहले पन्ने की प्रमुख खबरें बता देता हूं। इनमें सरकारी खबरें तो हैं ही, आप कल्पना कीजिये कि प्रचार वाली खबरें नहीं होंती तो क्या अखबार खाली रहते? जाहिर है, सरकार के खिलाफ खबरें नहीं हो रही हैं। चुनाव की घोषणा होने वाली है, तीन में से चुनाव आयुक्तों के पद खाली हैं और व्यवस्था ऐसी है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो पैनल चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करेगा वही चुनाव करायेगा और उम्मीदवारों को सीख देगा कि किसे पप्पू कहा जा सकता है और किसे पनौती कहना गलत है। चुनावी सभाओं में क्या कैसे कहा जा सकता है और क्या नहीं। यह सब ना मेरा मुद्दा है और ना अखबारों का। आइये आज की खबरें देंखे। पहली खबर तो वही है

1. सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा इलेक्टोरल बांड के विवरण आज साझा करे

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2. सीएए नियमों की अधिसूचना जारी, भाजपा ने कहा – वादा पूरा किया

3. साईबाबा मामले में हाईकोर्ट के आदेश को स्टे करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

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4. हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के भोजशाला कांपलेक्स के एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया

5.सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पू्र्व मंत्री, के पोनमडी की सजा को स्टे किया  

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6. एमआईआरवी के साथ अग्नि 5 की टेस्ट फ्लाइट सफल

7. प्रधानमंत्री ने अग्नि5 के पहले परीक्षण की प्रशंसा की

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8. आईटी नोटिस के खिलाफ कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंची

9. ईडी टीम पर हमले का मामला सीबीआई को सौंपने के खिलाफ याचिका खारिज

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10. द्वारका एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन, सिर्फ वाहनों का ही नहीं, जिन्दगी का ‘गियर’ भी बदलेगा : मोदी  

11. फैक्ट चेक यूनिट बनाने की योजना पर हाईकोर्ट की रोक नहीं

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12. एनआईए कोर्ट ने भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया

13. लोकसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, संसद के काम-काज पर सिर्फ संसद का क्षेत्राधिकार है (2014 से लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद खाली है, पहली बार 150 से ज्यादा सांसदों को निलंबित कर कानून पास कराये गये और तब यह दावा बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन खबर सिंगल कॉलम में सिर्फ टाइम्स ऑफ इंडिया में दिखी)।

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14. रायबरेली में कांग्रेस की विरासत संभावित बाधा का सामना कर रही है : भावनाएं बनी रहने का भी एक समय होता है। 

यह सूची न तो पूरी है और न इनका कोई क्रम है। जो जैसे दिखी, महत्वपूर्ण लगी वैसे उसी समय दर्ज की गई। सूची में अंतिम खबर इंडियन एक्सप्रेस की है आज का पेज वन एंकर। रोज यहां अच्छी और महत्वपूर्ण खबरें होती हैं। अक्सर एक्सक्लूसिव, जो दूसरे अखबारों में नहीं होती हैं। पर यह खबर राहुल गांधी की यात्रा के बाद (जो यात्रा की खबर पहले पन्ने पर नहीं पढ़ रहे हैं उनके लिए) यात्रा के बाद की स्थिति बयान करती है। दूसरे अखबारों में भी हो सकती थी लेकिन हमारे समय में (खास कर इमरजेंसी के दिनों में और फिर अरुण शौरी के संपादन में) सत्ता विरोधी होने का दावा करने वाले अखबार में है तो चर्चा उसकी भी होनी चाहिये। बेशक, लोग भावनाओं के आधार पर वोट देते हों और देना चाहिये तब। पर वह अलग मुद्दा है। उसपर फिर कभी।

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आज हमें हेडलाइन मैनेजमेंट देखना है और जिस खबर को मैं हेडलाइन मैनेजमेंट समझ रहा था वह सिर्फ इंडियन एक्सप्रेस में अपने वास्तविक रंग और प्रभाव में है। मुझे नहीं पता ऐसा टीवी पर राष्ट्र को संबोधित करने की घोषणा के बाद एक्स पर जारी किये जाने के कारण हुआ या कोई और कारण है। आज अग्नि की सफलता की खबर तो सभी अखबारों में है। प्रधानमंत्री की प्रशंसा भी होगी। शीर्षक में सिर्फ इंडियन एक्सप्रेस में है। आपको याद होगा, 2019 चुनाव से पहले, 27 मार्च को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया था। इसके लिए उनकी आलोचना भी हुई थी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था, ‘प्रत्येक राष्ट्र की यात्रा में ऐसे क्षण आते हैं जो गौरव प्रदान करते हैं और उनका आने वाली पीढियों पर ऐतिहासिक प्रभाव पड़ता है। आज वैसा ही एक क्षण है। भारत ने उपग्रह रोधी प्रक्षेपास्त्र’ (एएसएटी) का सफलतापूर्वक परिक्षण किया है। मिशन शक्ति की सफलता पर आप सभी को बधाई। मिशन शक्ति अत्यधिक कठिन था और इसे सटीक ढ़ंग से अत्यंत उच्च गति पर संचालित किया गया। यह भारत के असाधारण वैज्ञानिकों के कौशल तथा हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता को दिखाता है।” कल की घोषणा के बाद संबोधित नहीं किये जाने को इस आलोक में देखिये।

इसक बाद मैं इंडियन एक्सप्रेस की लीड पर आता हूं। फ्लैग शीर्षक है, “लोकसभा चुनाव से पहले सीएए नियम अधिसूचित”। मुख्य शीर्षक है, “सीएए के तहत नागरिकता चाहने के लिए नियम आसान किये गये ना पासपोर्ट ना वीजा”। उपशीर्षक है, “प्रधानमंत्री ने वादा पूरा किया : शाह”।  इसके साथ दो कॉलम में छपी खबर का शीर्षक है, विपक्ष शासित राज्यों ने कहा चुनाव का ध्रुवीकरण करने का प्रयास, विरोध करेंगे। इसके साथ यानी बराबर में अग्नि 5 की खबर है और एसबीआई की अपील खारिज किये जाने की खबर लीड के नीचे तीन कॉलम में है। सीएए लागू किये जाने की खबर का शीर्षक बाकी अखबारों में क्या है उससे पहले यह जानना दिलचस्प रहेगा कि द टेलीग्राफ ने इलेक्टोरल बांड वाली एसबीआई की खबर (जो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है) को आठ कॉलम में लीड बनाया है। इसे और सीएए की खबर को मिलाकर दोनों का साझा शीर्षक है, चुनावी तैयारी शुरू (चुनावी अवन प्री हीट मोड में)। सुबह – सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा, बिना देरी इलेक्टोरल बांड के विवरण दें। शाम – केंद्र ने विवादास्प सीएए नियमों को लागू किया। लोकसभा में यह 9 दिसंबर 2019 को पास हो गया था और तीन दिन बाद राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। तबसे लागू करना लटका हुआ था, अब लागू किया गया है तो यह आरोप लग रहा है कि सरकार ने ध्रुवीकरण का एक और उपाय किया है। इस खबर के साथ ममता बनर्जी की यह घोषणा भी है कि वे इसका विरोध करेंगी। 

टाइम्स ऑफ इंडिया में इसका शीर्षक ही है, “संसद से पास होने के चार साल बाद और लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने सीएए नियम अधिसूचित किये”। दिव्यास्त्र : अग्नि-5 की खबर यहां भी सेकेंड लीड है। “डीआरडीओ के वैज्ञानिकों पर गर्व : प्रधानमंत्री” इस खबर का इंट्रो है। हिन्दुस्तान टाइम्स में सीएए की खबर पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर है लेकिन लीड सुप्रीम कोर्ट की खबर ही है। यहां भी अग्नि-5वाली खबर सेकेंड लीड है और प्रधानमंत्री की बधाई शीर्षक में नहीं है। उपशीर्षक या इंट्रो यहां है ही नहीं। द हिन्दू में एसबीआई वाली खबर लीड है। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पू्र्व मंत्री, के पोनमडी की सजा को स्टे किया। सेकेंड लीड है, एमआईआरवी सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पू्र्व मंत्री, के पोनमडी की सजा को स्टे किया। अग्नि की खबर यहां फोल्ड से नीचे है। इस पर प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया या ट्वीट खबर नहीं है।        ऊपर दी गई आज की खबरों की सूची में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ एनआईए कोर्ट का जमानती वारंट सबसे दिलचस्प है। आप जानते हैं कि प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ क्या मामला है, यह भी कि भाजपा ने इसके बावजूद उन्हें लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया, जनता ने उन्हें चुना और अदालत ने पांच साल उन्हें ‘निर्बाध’ काम करने दिया। अगर कोई बाधा डाली भी हो तो खबर नहीं छपी और हम मान लें कि सब जांच निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से चल रही हैं और दोषियों को सजा जरूर होगी। इसमें प्रो जी साई बाबा जैसे कुछ लोगों को निरपराध 10 साल जेल में रहना पड़े तो सरकार और अदालतों को कुछ करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सभी एजेंसियां ज्यादा महत्वपूर्ण काम में लगी हैं और जनता के साथ मीडिया को भी इसकी कोई जरूरत नहीं लगती है। मीडिया को पत्रकारों की पिटाई और उन्हें जेल में बंद रखने की चिन्ता नहीं है तो आरोपी को सांसद बनाने और उन्हें अदालत से छूट मिलने की क्या परवाह।

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