प्रीति नाहर-
मीडिया, प्रदीप मेहरा से न्यूज़रूम में दौड़ लगवा रहा है। चैनल ने कहा- बेटा दौड़ के दिखाओ, हमें visuals चाहिए।
तुम्हारी मेहनत, दौड़ या कहानी से हमें कोई मतलब नहीं। हमारे लिए तुम सिर्फ़ एक content हो।
इसी प्रकरण पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी का खुलासा-
वायरल कंटेंट के चक्कर में इंसान को सिर्फ़ विसुअल्स के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना था। उसके लिए अलग से स्टोरी की जा सकती थी।
शिव प्रसाद सती-
देश की राजधानी से सटे नोएडा में उत्तराखंड का प्रदीप अकेला नौजवान नही है जो प्रतिदिन दस से सोलह किमी चलकर मैकडॉनल्ड्स में नौकरी करता है। वो सेना में नौकरी पाने के लिए मेहनत कर रहा है और उत्तराखंड में नौकरी न होने के कारण जो बेबसी में राजधानी के सड़को में दौड़ रहा है। उस जैसे हजारों नौजवान रोजगार न मिलने, आर्थिक तंगी के कारण रोज दौड़ रहे हैं। उत्तराखंड में नये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उम्मीद करते हैं खनन और शराब से आगे उत्तराखंड के युवाओं रोजगार की बात करेंगे। न जाने कितने प्रदीप नौकरी के लिए भटक रहे हैं? उत्तराखंड में युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोलने की ज़रूरत है।