Brijesh Pandey : दैनिक जागरण, हिसार के 41 कर्मियों के टर्मिनेशन का मामला… ये टर्मिनेशन मामले 16 A के तहत सरकार ने 29 जनवरी 2018 को निर्णय के लिए श्रम न्यायालय, हिसार भेजे थे। प्रबंधन को 22 मार्च को क्लेम स्टेटमेंट का जबाब देना था, तो उस दिन प्रबन्धन ने सरकार के रेफर को गलत बताते हुए मामले को ख़ारिज करने की लिखित पत्र दिया।
विद्वान न्यायाधीश ने प्रबन्धन के आवेदन को ख़ारिज करते हुए 22 मार्च को आदेश दिया कि प्रबन्धन मामले को भ्रमित न करे, और 19 अप्रैल को क्लेम स्टेटमेंट का जवाब देने के लिए अंतिम अवसर दिया जाता है। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश महोदय ने बार – बार कहा कि मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गयी 6 माह की समय सीमा में निपटाना है। इसलिए दोनों पक्षो से इसमें सहयोग की अपेक्षा की जाती है।
19 अप्रैल को दोपहर 1 बजे के बाद जब लेबर कोर्ट, हिसार में पेशी हुई तो जागरण प्रबंधन हिसार की तरफ से एक महिला वकील पेश हुईं। उन्होंने एक दिन पहले ही केस लेने की बात कहकर जवाब देने के लिए और समय देने की मांग की। लेकिन जज साहब का रुख काफी सख्त रहा। वे यही कहते रहे कि प्रबंधन क्लेम स्टेटमेंट का जवाब देने की बजाय केस को घुमाने की कोशिश क्यों कर रहा है।
उन्होंने पहले ही अदालती आदेश में लिख दिया था कि मामला जल्दी निपटाना है इसलिए अब आगे और तारीख नहीं दी जाएगी। वकील के यह कहने पर कि मैंने तो मामला कल ही लिया है, जज का कहना था कि यह प्रबंधन की गलती है, और इसे वे स्वीकार नहीं करते। इतने दिन तक खाली बैठ कर टाइम क्यों खराब किया गया। प्रबंधन की ओर से कौन पेश हुआ है उससे पूछिए कि एक महीना तक क्या किया। लेकिन काफी मिन्नत करने के बाद जज ने 27 अप्रैल (शुक्रवार) की तारीख दे दी। और ताकीद की कि यह अंतिम अवसर है अगर उस दिन जवाब नहीं दिया गया तो और मौका नहीं दिया जाएगा।
दैनिक जागरण, हिसार के असिस्टेंट मैनेजर रहे बृजेश पांडेय की एफबी वॉल से.
SANDY
April 18, 2015 at 5:56 am
CONGRTS BOTH OF U…. 😆
Madan kumar tiwary
April 22, 2018 at 2:28 pm
यह रवैया हर जगह है जागरण का , यह बताइए कि अभीतक किसका आदेश हुआ है रिकवरी का