लाइव इंडिया ग्रुप के अतिमहत्वकांक्षी अखबार ‘प्रजातंत्र लाइव’ की महज एक साल के अंदर ही ऐसी दुर्गति होगी, किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। डा.प्रवीण तिवारी के नेतृत्व में अखबार को पहले ही दिन से संभालने वाले वरिष्ठ पत्रकार अनूप झा की असामयिक मृत्यु के बाद अखबार की ऐसी दुर्गति हुई है। अब अखबार की बंद होने के कगार पर है।
अनूप झा की मौत के बाद लाइव इंडिया का डिजिटल मीडिया संभालने वाले बसंत झा को आनन फानन में प्रजातंत्र लाइव अखबार की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई और अखबार देख रहे डा प्रवीण तिवारी से अखबार से जुड़े सारे अधिकार ले लिए गए। सूत्रों का कहना है कि बसंत झा के कार्य संभालते ही अखबार को पूरी को तरह से कबाड़ बताया जाने लगा। पहले तो कुछ लोगों को दिल्ली से नोएडा आफिस बुला लिया गया और फिर धीरे-धीरे करके दिल्ली से आधा दर्जन लोगों को बाहर कर दिया गया।
सूत्रों का कहना है, इस प्रकरण से डा प्रवीण तिवारी गुट और उनके द्वारा रखे गए लोग झटके में ही हाशिए पर आ गए। पत्रकारों के नेता माने जाने वाले जिस रासबिहारी को डा प्रवीण तिवारी ने रिपोर्टिंग का मुखिया बनाया था। उनके साथ उनके साथी हिरेंद्र राठौर, दिवाकर, दुष्यंत शर्मा, राकेश थपलियाल को मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया। इनके अलावा डेस्क इंचार्ज संजीव झा, रिपोर्टिंग से विवेकानंद चैधरी सहित कुछ और लोगों का स्थानांतरण मुबंई कर दिया गया है। इन सभी की लाइव इंडिया के एचआर हेड अजय मेहता के साथ तीखी झड़प भी हुई है। इस पूरे प्रकरण में अखबार के संपादक डा प्रवीण तिवारी मूक दर्शक बने हुए हैं।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित
anoop bhatnagar
May 11, 2015 at 10:19 am
whenever inexperienced people are given responsibility not only experienced hands are humiliated but organization also suffer.