पब्लिक न्यूज ऐप में विज्ञापन के दबाव और काम से निकालने की धमकियों के बीच रिपोर्टर का लगातार मानसिक शोषण जारी है। ऐसा ही एक मामला यूपी की राजधानी लखनऊ से सामने आया है। यहां पर कनक श्रीवास्तव को कुछ ही समय पहले बतौर रिपोर्टर ऐप में काम करने का मौका दिया गया था। महज दो माह के बाद ही उन्हें बिना कोई समुचित कारण बताएं ऐप से बाहर कर दिया गया।
कनक ने जब इस तरह से आईडी बंद करने के बारे में सवाल किया तो तमाम व्हाट्सएप ग्रुप से भी उन्हें बाहर कर दिया गया। एकतरफा संवाद के बीच अब ना ही ऐप का कोई अधिकारी उनका फोन उठा रहा है और ना ही उन्हें जवाब दिया जा रहा है। जहां एक ग्रुप में बताया गया कि काम ठीक ना होने के चलते उन्हें बाहर किया जा रहा है वहीं दूसरे ग्रुप में बताया गया कि विज्ञापन का टारगेट पूरा न करने की वजह से उनकी आईडी को बंद किया जा रहा है… जबकि विज्ञापन के लिए तो उनका चयन ही नहीं हुआ था, उनका काम खबरें देना था।
जुलाई से हुई शुरुआत के बाद अगस्त माह में ही उनके साथ पूरी टीम की खबरों के टारगेट को पहले आधा कर दिया गया और बताया गया कि विज्ञापन ना देने के चलते यह कार्रवाई की गई है। फिर सितंबर माह में उनकी आईडी को अब बंद कर दिया गया। अब ऐसे में कनक करें भी तो क्या?
लखनऊ की कनक के अलावा कई अन्य जिलों के रिपोर्टर भी हटाए गए हैं। लखनऊ के पंकज द्विवेदी, अर्चना और सुधीर जैसे साथियों को भी विज्ञापन न देने पर बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है।
देखें स्क्रीनशाट-
uttam kumar
September 10, 2022 at 7:21 pm
मैं झारखंड सरायकेला-खरसावां जिले से हूं. अक्टूबर 2018 में मुझे पब्लिक एप में रखा गया था. उस समय एप जिला में शून्य था. मेरे ही प्रयास व मेहनत से 2022 मार्च तक एप हर घर तक पहुंच गया. मेरा खुद का फॉलॉअर 2.25 लाख हो गया. इसी बीच 7 मार्च को मुझे बिना कारण निकाल दिया गया.
Prem mishra
September 11, 2022 at 2:32 pm
यह तो मामूली बात है। पत्रिका जबलपुर में पूर्व संपादक ने डेस्क वालों की नौकरी खाने की सुपारी ले रखी है।