अरुण पांडेय-
यूक्रेन पर हमला करके पुतिन ने क्या हासिल किया?
- नाटो को और मजबूत कर दिया है। अब यूरोप और अमेरिका को समझ आ गया है कि नाटो कितना ज्यादा जरूरी है।
- अमेरिकी अर्थव्यवस्था को रूस के कदम लंबी अवधि में और मजबूत कर देंगे क्योंकि रूस के गैर जिम्मेदाराना कदम से घबराकर यूरोप के देश हथियार खरीदेंगे वो भी अमेरिका से।
- चीन के लिए पड़ोसी मुल्कों पर नजर गड़ाना मुश्किल हो जाएगा, खासतौर पर चीन की हरकतों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कड़ी नजर होगी।
- रूस की इकोनॉमी को बहुत जोर का झटका बहुत जोर से लगा है, पुतिन विश्व में पताका फहराने निकले थे, अपने देश के ही झंडे को कमजोर कर दिया।
- गैर जरूरी युद्ध थोपने से युक्रेन के हजारों लोगों को जिंदगी गंवानी पड़ी है, लाखों बेघर हो गए हैं और भयंकर टाइप की यंत्रणा भोगने पर मजबूर हुए हैं।
- कुछ युद्ध उन्मादी लोगों, देशों और कोल्डवॉर के काल के बुजुर्ग एक्सपर्ट के अलावा पुतिन के कदम से दुनिया भर में बहुत गुस्सा है।
- पुतिन ने लोकतंत्र के प्रति लोगों की आस्था बढ़ा दी है, लोकतंत्र की कीमत का भी लोगों को पता चल गया है।
- रूस के शेयर बाजार 25 फरवरी से बंद हैं क्योंकि जैसे ही खुलेंगे धड़ाम से बेसहारा जमीं पर गिरेंगे। लेकिन लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड रूसी कंपनियों के शेयर कौड़ियों के हो गए हैं।
- अमेरिकी और यूरोपीय शेयर बाजार भी कई दिनों तक गिरे थे, लेकिन वहां गिरावट रूस जैसी डरावनी नहीं थी। 9 मार्च को अमेरिकी और यूरोपीय दोनों जगह के शेयर बाजार बम बम हैं, उछाल मारे हुए हैं।
- अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रूस की करेंसी रूबल 50 परसेंट से ज्यादा कमजोर हो चुकी है। 24 फरवरी को एक डॉलर 85 रूबल के बराबर था, 9 मार्च को 1 डॉलर 137 रूबल के बराबर है। यूरो और पाउंड के मुकाबले भी रूबल का हाल इतना ही खराब है।
कहने का मतलब ये है कि झूठा अहंकार वीरता नहीं होती।