व्यापमं घोटाले से जुड़ी संदिग्ध मौतों के मामले में सीबीआई ने पूछताछ शुरू कर दी है। आजतक के दिल्ली के पत्रकार अक्षय सिंह के साथ इंदौर से मेघनगर तक गए आजतक के पत्रकार राहुल करैया को सीबीआई ने स्टेटमेंट दर्ज कराने तलब किया। जांच अधिकारियों ने साढ़े पांच घंटे तक राहुल से पूछताछ की। अक्षय की मौत के समय राहुल उनके साथ थे, सीबीआई ने उनसे पूरे घटनाक्रम का ब्योरा पूछा। सीबीआई को बयान में पता चला कि डॉ. आनंद राय से बातचीत के बाद ही अक्षय स्टोरी करने इंदौर आए थे।
दोनों लगातार संपर्क में थे, लेकिन जब राहुल ने अक्षय की तबियत बिगड़ने की सूचना डॉ. आनंद राय को फोन पर दी, साथ ही दाहोद में अच्छे अस्पताल की जानकारी मांगी तो डॉ राय ने पलटकर कोई जवाब नहीं दिया। इससे पहले ग्वालियर से इंदौर तक सड़क मार्ग से आने के बारे में अक्षय ने डॉ. राय से सलाह ली थी। डॉ. राय ने अक्षय को बताया कि छह घंटे लगेंगे, लेकिन अक्षय को इंदौर पहुंचने में दो गुना से ज्यादा समय लगा। इससे भी वह काफी परेशान हो गए थे।
व्यापमं मामले को कवर करने आए अक्षय सिंह की मेघनगर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, उस वक्त वह नम्रता डामोर के घर पर उसके पिता से बातचीत कर रहे थे। सीबीआई एसपी हरीसिंह की मौजूदगी में जांच अधिकारी ने अक्षय के संबंध में अनेक सवाल पूछे। इस मामले में सीबीआई ने पहली बार घटना के चश्मदीद गवाह के बयान दर्ज किए हैं। राहुल ने सीबीआई को बताया कि अक्षय सिंह दिल्ली से इंदौर तक आने में काफी परेशान हो गए थे। लगातार चार दिन की यात्रा जिसमें ग्वालियर से इंदौर तक सड़क मार्ग से आने वह काफी थक गए थे। इसके अलावा काम का तनाव भी था।
सीबीआई ने पूछा कि जब अक्षय की तबियत बिगड़ी तब क्या लक्षण थे? सबसे पहले किसको खबर की, डॉक्टरों ने क्या कहा। अंतिम समय अक्षय ने क्या बात की? इसके बाद का पूरा ब्योरा सीबीआई ने दर्ज कर लिया है। राहुल ने सीबीआई को बताया कि जैसे ही अक्षय की तबियत बिगड़ी वह, फोटोग्राफर एवं नम्रता डामोर के भाई उसे लेकर मेघनगर के अस्पताल पहुंचे। वहां मौजूद युवा डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इस पर इन लोगों को भरोसा नहीं हुआ तो वे एक निजी अस्पताल भी ले गए वहां केवल नर्सें थीं उन्होंने भी जवाब दे दिया। इसके बाद वे लोग अक्षय को लेकर दाहोद के महावीर अस्पताल पहुंचे। बताया जाता है कि सीबीआई ने राहुल से व्यापमं से जुड़े अन्य मामलों के बारे में भी पूछताछ की।
4 जुलाई को अक्षय सिंह की संदिग्ध मौत हुई थी। दाहोद के अस्पताल में उनका शव परीक्षण किया गया, परिजनों की मांग पर जांच के लिए ‘विसरा” एम्स दिल्ली भेजा गया था। विसरा जांच की रिपोर्ट भी सीबीआई को मिल चुकी है जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अक्षय की मौत जहर से नहीं हुई। अक्षय की मौत के बाद ही व्यापमं मामला देशभर के मीडिया की सुर्खियों में आया। इसके पांच दिन बाद घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपने का निर्णय किया। सीबीआई ने इस मामले को संदिग्ध मौत मानते हुए पीई दर्ज की है।