वरिष्ठ पत्रकार राहुल सिंह को मध्य प्रदेश सरकार ने सूचना आयुक्त नियुक्त किया है. राहुल ईटीवी एमपी, आजतक, टाइम्स नाउ, जी न्यूज़, सहारा समय आदि जगहों पर कार्य कर चुके हैं. राहुल सिंह मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह के बेटे हैं. राहुल के पास हिंदी और अंग्रेजी पत्रकारिता का 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है.
42 वर्षीय राहुल हाल के दिनों में अंग्रेजी के नए लांच हुए चैनल इंडिया अहेड में इनपुट हैड के रूप में कार्यरत है. इससे पहले वे देश के सबसे बड़े न्यूज़ चैनल नेटवर्क ईटीवी न्यूज़18 के असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव एडिटर और नेशनल एडिटर के रूप में दिल्ली में कमान संभाले हुए थे. वे न्यूज़ 18 गुजराती के स्टेट एडिटर थे.
न्यूज़18 मध्यप्रदेश के एडिटर के रूप में मध्य प्रदेश की तत्कालीन सरकार और प्रशासन के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के कई मामलों को उज़ागर किया था. इनके नेतृत्व में सन 2014 में ईटीवी-न्यूज़18 चैनल राज्य का एक मात्र बेबाक़ चैनल बना जो शिवराज सरकार के ख़िलाफ़ व्यापमं और तमाम मुद्दों पर सभी खबरें दिखाता था. निष्पक्ष धमाकेदार खबरों से परेशान होकर शिवराज सरकार ने चैनल के मालिक पर दबाव डलवा कर राहुल सिंह को नौकरी से निकलवा दिया था. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने राहुल सिंह को मध्य प्रदेश में किसी भी संस्थान में नौकरी नही करने दी.
राहुल सिंह ने खोजी और स्टिंग आपरेशन की पत्रकारिता में काफी ख्याति पाई है. आरटीआई की तहत जानकारी का उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग में भरपूर उपयोग करके करप्शन के कई बड़े मामले उज़ागर किए. 2005 में
गुजरात के पांडरवाड़ा सामूहिक नरसंहार को उज़ागर करने वाले वे एक मात्र पत्रकार थे. राहुल ने यहाँ पर नर कंकाल का ज़खीरा बरमाद किया था. इनकी ख़बर के बाद इस मामले में सीबीआई इन्क्वायरी भी हुई. बाद में इसी मसले में राहुल सिंह को मोदी सरकार ने परेशान करने की कोशिश की तो हांगकांग की इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने राहुल के पक्ष में एक विश्व्यापी मुहिम भी चलाई थी.