विश्व दीपक-
अगर राहुल कुछ नहीं है तो फिर उसके खिलाफ़ इतना दुष्प्रचार, इतना अभियान क्यूं?
बता रहा हूं.
क्यूंकि राहुल, भारत को “हिंदू पाकिस्तान” बनाने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है. इसीलिए कल टीवी मीडिया में एक फर्जी बहस खड़ी की गई.

एनडीटीवी ने सोर्स के हवाले से खबर चलाई की राहुल, सोनिया, प्रियंका इस्तीफ़ा देंगे. कांग्रेस कवर करने वाला कोई नौसिखिया भी बता देगा कि यह एक्सट्रीम कंडीशन में ही होगा. अभी वो नौबत नहीं आई. कोई क्रॉस चेक नहीं किया गया.
स्पष्ट है कि यह प्लांट था. बीजेपी की मीडिया स्ट्रेटजी का हिस्सा. मैं मानता हूं की एनडीटीवी का चुनाव जानबूझकर किया गया था ताकि प्लांट विश्वसनीय लगे. अगर रिपब्लिक या टाइम्स नाउ चलाते तो कोई यकीन नहीं करता.
अगर ठीक समझ रहा हूं तो यह प्लांट आरपीएन सिंह ने करवाया था. आरपीएन सिंह, उस वर्ग से आते हैं जिसे भारत का एलीट कहा जाता है. इस वर्ग ने हमेशा, इस मुल्क के साथ गद्दारी की है. सिराजुद्दौला के समय से लेकर आज तक यह सिलसिला जारी है.
अनिल जैन-
एनडीटीवी बहुत पहले ही दरबारी मीडिया का हिस्सा बन चुका है लेकिन कई लोगों को इस बात का इलहाम कल हुआ जब उसने एक फर्जी खबर चलाई कि सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
चूंकि अन्य सुपारीबाज टीवी चैनलों की तरह इस चैनल में भी पिछले कुछ वर्षों के दौरान बड़े पैमाने पर शाखा बटुकों की भर्ती हो चुकी है, जो कि आमतौर पर अपढ़-कुपढ़ ही होते हैं, लिहाजा फर्जी खबर चलाने की मक्कारी में मूर्खता का समावेश होना भी स्वाभाविक है।
एनडीटीवी में कल चलाई गई इस्तीफे की खबर में भी इस मूर्खता के दिग्दर्शन हुए। मूर्खों ने सोनिया और प्रियंका के साथ राहुल का भी इस्तीफा करा दिया जबकि राहुल अभी किसी पद पर हैं ही नहीं।
इस फर्जी खबर को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग इस चैनल का तो मर्सिया पढ़ रहे हैं लेकिन रोजाना रात को प्राइम टाइम में भाषण देने वाले इस चैनल के मैनेजिंग एडिटर यानी ‘अवार्ड कुमार’ को अभी भी मासूम मान रहे हैं। सवाल है कि चैनल ने फर्जी खबर चलाने की जो बेहूदगी की है, उससे चैनल का मैनेजिंग एडिटर कैसे बरी हो सकता है?
कई लोगों की नाराजगी झेलते हुए मैंने पहले भी कहा है और अभी भी उनकी नाराजगी की परवाह किए बगैर कह रहा हूँ कि इस चैनल पर रोजाना रात को आने वाला 40 मिनट का ‘प्राइम प्रलाप’ सरकार और इस चैनल के बीच पांच साल पहले हुई डील के तहत आता है। उन 40 मिनटों के अलावा इस चैनल पर भी 23 घंटे 20 मिनट सरकारी कीर्तन ही चलता है।
उसी डील के तहत इस चैनल में कई शाखा बटुकों की भर्ती पांच साल पहले अरुण जेटली की सिफारिश पर हुई थी। इसलिए इस चैनल का मैनेजिंग एडिटर अपने प्रवचन में लोगों से टीवी न देखने की जो अपील करता है, वह महज पाखंड के अलावा कुछ नहीं है।
Comments on “एनडीटीवी का चुनाव जानबूझकर किया गया, अगर रिपब्लिक या टाइम्स नाउ ये न्यूज़ चलाते तो कोई यकीन नहीं करता!”
कांग्रेस की रानी ने फर्जी इस्तीफे की पेशकश कर दी कल, चमचों ने एनडीटीवी तक को नही छोड़ा
आधी अधूरी खबर की जानकारी रखकर यू भड़ास पर लगवाना तुम बीजेपी के भक्त लगते हो जो देखता कम सुनता ज्यादा है शायद इसीलिए यही तक सीमित हो। फेस टू फेस बात करो फिर बखान करो यू एक तरफा बात न करो । ना बीजेपी ना कांग्रेस रहने वाला हूं हरायणा प्रदेश ।। ना समझ आए तो कल जरा अपने आका हरियाणा के सीएम के बारे में जान लेना फिर बात करना।। देखू जरा बनियों के नाम पर बना जैन ये शक्स कितना समझदार हैं
घर का मुखिया ज्ञान परोसे, घर में सब उसको ही कोसे ।। ज्ञान न पेलो
आओ मैदान में क्या कॉमेंट करके छिपकर बात करते हो।
नाम
पता
क्या चाहिए बता देना
BJP/ संघ समर्थक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और बंगाली मूल की एक्ट्रेस रूपा दत्ता कोलकाता के अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में जेब काटने के जुर्म में पकड़ी गई हैं।
बिधाननगर थाने की पुलिस ने उनके बैग में अनेक पर्स और करीब 70,000रु नगद बरामद किए। पुलिस के अनुसार एक्ट्रेस स्पष्ट न कर सकीं कि इतने सारे पर्स उनके बैग में कैसे पहुंचे ?