इलेक्शन से ठीक पहले राजाराम पाल का जाना झटका माना जा रहा है। वो न्यूज़18 यूपी की कोर टीम का हिस्सा थे। आउटपुट एडिटर प्रभात पांडेय और अरुण पांडेय अगर किसी पर सबसे ज्यादा भरोसा करते थे तो वो राजाराम थे।
राजाराम इससे पहले न्यूज़ स्टेट यूपी में थे। उनके कामकाज से प्रभावित होकर उस वक्त के संपादक विजय शुक्ला उन्हें यहाँ लाये थे।
विजय शुक्ल और अमिताभ अग्निहोत्री की जोड़ी 2019 में विदा हो गयी तो अमिश देवगन को यूपी की कमान मिल गई।
इसके बाद अमिश ने अरुण पांडेय और प्रभात पांडेय को एडिटोरियल की जिम्मेदारी दी। राजाराम ने दोनों के साथ काम किया और अपने काम से नई टीम में मजबूत जगह बनाई।
कोई नया शो लांच करना हो, प्रोमो लिखना हो, या फिर टीम को लीड करना हो, राजाराम बॉस की पहली पसंद थे।
उनकी डिक्शनरी में ना शब्द नहीं है। उन्हें 2020 में प्रोमोट करके सीनियर प्रोड्यूसर बना दिया गया। कोरोना काल में एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो रोज ऑफिस आते थे।
नेटवर्क18 ने उन्हें कोरोना वॉरियर का पुरस्कार भी दिया था। 2020 में राजाराम के पास नेशनल चैनलों से भी ऑफर था लेकिन प्रभात और अरुण ने उन्हें जाने से रोक लिया था। लेकिन इस बार नहीं रोक पाए।
राजा मूल रूप से इलाहाबाद के रहने वाले हैं। हैदराबाद से अंशुल जी नोएडा ऑफिस आये थे। उन्होंने राजा को वरकोहलिक की उपाधि दी थी। मतलब शानदार और लगातार काम करने वाला शख्स। ऐसे शख्स का जाना दुखी तो करता है।