नमस्कार,
मैं सुधीर मलिक जो गाजियाबाद के शालीमार गार्डन में रहता हूं, पिछले 8 साल से प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़ा हूं. साथ ही समाज सेवा के लिए एनजीओ में सहयोग करता हूं. साथ ही मेरा फाइनेंस का बिजनेस भी है.
पिछले कुछ समय से मैं काफी मानसिक दबाव में हूं.
गाजियाबाद निवासी राजीव शर्मा नामक पत्रकार और कथित मानवाधिकार कार्यकर्ता मुझे ब्लैकमेलिंग के साथ धमकाना, केस में फंसाना, मेरी छवि करने का कार्य कर रहा है.
राजीव शर्मा आरटीआई के जरिए मेरे प्लॉट, बिजनेस की जानकारी निकाल कर मुझसे फिरौती की मांग की थी. 20 लाख के एवज में मैंने 2 लाख रुपए राजीव शर्मा को दिए.
इन पैसों को देने का मेरा मकसद इस कथित पत्रकार का छवि समाज के सामने लाना था, और मैं समाज के सामने आडियो, विडियो के जरिए इस बात को साबित कर चुका हूं.
इलाके में राजीव शर्मा की छवि एक ब्लैकमेलर, अपराधी की है और इसी वजह से लोग उसे पैसे देते जा रहे हैं. चूंकि मेरा एक प्लॉट विक्रम एन्क्लेव में है जिसे मैंने सुनील वैध नामक बिल्डर को बनाने के लिए दिया था. कागज़ी दस्तावेज के अनुसार जीडीए के नियम के अनुसार बनाने की बात सुनील वैध ने की थी. मैंने कागज़ी कार्रवाई के बाद इस बात को मान लिया.
बिल्डिंग बनने के बाद जब मुझे पता चल कि सुनील वैध अनियमितता बरत रहा है तब मैंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. इसकी कॉपी मैं आपको मेल से पेश कर रहा हूं.
एग्रीमेंट के अनुसार कानूनी कार्रवाई सुनील वैध के उपर होनी थी, न कि मेरे ऊपर. लेकिन इस शातिर, अपराधी प्रवृत्ति के इंसान राजीव शर्मा को इस बात का पता चलते ही उसने मुझे टार्चर करना शुरू कर दिया. साथ ही मेरा दूसरा बिजनेस भी चौपट करने की धमकी देने लगा. ये इंसान कई परिवार को लूट चुका है, जिसका साक्ष्य मैं आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूं.
यह कई निजी चैनल के पैनल में बैठकर अपनी छवि चमका कर उगाही करता है. इसके तंग आकर मैंने FIR करवाई है. इस व्यक्ति की करतूत समाज के सामने उजागर होनी चाहिए.
मैं भड़ास4मीडिया से अनुरोध करता हूं, कि मेरी बात पर गौर किया जाए. मैंने इसी मुद्दे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की थी. इसकी खबर कई प्रमुख अखबारों में छपी है.
मुझे उम्मीद है कि भड़ास के संपादक मेरे द्वारा दिए गए सारे प्रमाण पर गौर करेंगे और इस इंसान की छवि को सामने लाएंगे.
सुधीर मलिक
गाजियाबाद