संजय कुमार सिंह-
जासूसी करना, सरकारी दस्तावेजों तक पहुंच रखना और उनके आधार पर खबर लिखना ही पत्रकारों का काम है। वरना एक दिन एक सरकारी अधिकारी फरमान निकाल देता है कि यू ट्यब पर वीडियो बनाकर अपोलड करना गैर कानूनी है। बाद में भले कानूनी हो जाए पर जिसे डराना था उसे तो डरा दिया गया। और इसी लिए गिरफ्तार किया जा रहा है।
अव्वल तो सरकारी गोपनीयता कानून ही मजाक है और अगर दुरुपयोग करने के लिए इसे रखना ही है तो बाकायदा पत्रकारों को इससे मुक्त रखना चाहिए। पर हमारे देश में यह हो कैसे – पत्रकार की परिभाषा ही तय नहीं है। और जो तय है उसमें कई ऐसे वैसे संपादक की कुर्सी सुशोभित करते नजर आएंगे। तो खबर कौन लिखेगा? मीडिया का यह हाल मालिकों के बिक जाने भर से नहीं है। पर सरकार मंदिर बनाने का जनादेश लेकर आई थी बन रहा है। खुश रहिए।
पंकज चतुर्वेदी-
कोई तीन दशक से हिंदी पत्रकारिता में सक्रीय राजीव शर्मा को कल दिल्ली पुलिस ने गोपनीय और संवेदनशील दस्तावेज रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया . याद करने पिछले साल प्रियंका वाड्रा सहित देश के कई ख्यातिलब्ध लोगों के मोबाईल न में व्हाट्स एप के जरिये इजराईल के जासूसी – तंत्र _ “पेगासस वेयर” का हल्ला हुआ था , जिन ११२ भारतियों के मोबाईल में यह फिट करने का हल्ला हुआ था, उसमें राजीव शर्मा का भी नाम था .
यदि राजीव शर्मा का लेखन देखें तो वे अजित डोभाल के पक्ष में लिखते रहे हैं .मई 2014 में उन्होंने फ़र्स्टपोस्ट के लिए एक आर्टिकल लिखा था। इसका शीर्षक Why ex-IB chief Ajit Doval is the best NSA India could ever get’ जिसमें उन्होंने अपनी डोभाल के साथ हजारों बातचीत का उल्लेख किया। इस आर्टिकल में लिखा गया कि डोभाल की नियुक्ति से पाकिस्तान खासकर दाऊद इब्राहिम,हाफिज सईद और सईद सलाहुद्दीन जैसे सहम गए हैं।
शर्मा यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून, फ्री प्रेस जर्नल, साकाल और अन्य तमाम अखबारों और मीडिया संस्थानों के लिए काम कर चुके हैं। वे कुछ सालों से स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे , उनका अपना “किष्किन्धा “नामक एक यूट्यूब चैनल हैं। इस चैनल के 11,900 सब्सक्राइबर्स हैं। गिरफ्तारी के दिन उन्होंने दो वीडियो अपलोड किए। उनमें से एक आठ मिनट का वीडियो है। इसका शीर्षक है ‘चीन अभी भी शरारत कर सकता है- IndiaChinaFaceOff’।
इस वीडियो में वो भारत और चीन की मौजूदा स्थिति के बारे में बोलते हुए दिख रहे हैं। वो कह रहे हैं कि भारत और चीन का विवाद विदेश मंत्रियों के बीच पहुंचने के बाद भी शांति की राह नहीं नजर आ रही। अभी भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मॉस्को में दो विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत के अनुसार सब कुछ चलेगा।’
दूसरा वीडियो चार मिनट का है। ये वीडियो हिंदी में है और मीडिया की स्थिति पर बनाया गया है। इस वीडियो को उन्होंने कैप्शन के साथ ट्वीट किया, ‘भारतीय मीडिया की स्थिति आज दयनीय है। यह एक प्रहरी होना चाहिए था। इसके बजाय यह सरकार का एक मुखपत्र बन गया है।’ शुक्रवार की देर रात शर्मा के ट्विटर एकाउंट में जिसमें 5,300 से अधिक फॉलोअर्स के सामने एक मैसेज आया। मैसेज में लिखा था कि सावधान यह खाता अस्थायी रूप से प्रतिबंधित है। आप यह चेतावनी देख रहे हैं क्योंकि इस खाते से कुछ असामान्य गतिविधि हुई है।’
दिल्ली के पीतमपुरा में रहने वाले राजीव शर्मा को कल ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (OSA) के तहत गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि राजीव शर्मा के पास देश की रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज मिले हैं , उन्हें छः दिन की पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया है .
यदि राजीव शमा के लिंक्डइन एकाउंट पर लिखा है कि उनकी सात किताबें हैं – पांच , गैर कथ्येत्तर . वे ख़ुफ़िया, सुरक्षा सेना, आतंकवादी जैसे विषयों की गहरी समझ रखते हैं . पिछ्ले महीने ही राजीव शर्मा का एक लेख चीन सरकार के अखबार – ग्लोबल टाइम्स में भी छपा था , जिसमें दोनों देशों के बीच शांति की वकालत की गयी थी .
इस गिरफ्तारी पर गौर करना और चर्चा करना जरुरी है — जिस व्यक्ति की अजीत डोभाल से कई बार की मुलाक़ात हो (जैसा वह अपने लेख में दावा कर रहा है), जो ग्लोबल टाइम्स में तनाव के दिनों में छपता हो, उसके पास देश की सुरक्षा से जुड़े यदि कागज मिलते हैं तो उनका सोर्स क्या होगा? जिस व्यक्ति की निगरानी इजराईल करवा रहा था — उसका उद्देश्य क्या था?