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उत्तर प्रदेश

राजकुमार सिंह लखनऊ के पत्रकारों की भीड़ में अलग नज़र आते हैं!

Naved Shikoh : लखनऊ की पत्रकारिता का राजकुमार… आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई-शुभकामनाएं। जन्मदिन शुभकामनाएं व्यक्त करने का बहाना होता है। चरित्र चित्रण का मौक़ा भी। पेशेवर ख़ूबियों का जिक्र हो तो पेशे को भी फख्र होता है और हमपेशा लोगों को भी। राजकुमार सिंह जी राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार हैं। ढाई दशक से अधिक समय से पत्रकारिता का सफर तय कर रहे हैं।

एच.टी. ग्रुप से लेकर सहारा चैनल में बड़े ओहदों पर रहे। मौजूदा वक्त में नवभारतटाइम्स के एसोसिएट एडीटर हैं। लेकिन यहां इन्हें लखनऊ की पत्रकारिता का राजकुमार लिखने की वजह ये है कि ये वरिष्ठ जन मुझे कीचड़ में कमल जैसे लगते हैं।

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राजकुमार सिंह

लखनऊ के पत्रकारों की फौज कीचड़ जैसी हो गई है।

ठाकुरवाद की कीचड़

ब्राहमणवाद की कीचड़

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जातिवाद की कीचड़।

धर्मवाद की कीचड़।

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हिन्दूवाद की कीचड़

मुस्लिमवाद की कीचड़

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लालावाद की कीचड़

दलितवाद की कीचड़

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शियावाद की कीचड़

सुन्नीवाद की कीचड़

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सामाजिक सरोकारों और निष्पक्ष पत्रकारिता वाले पत्रकार अब ढूंढने से भी नहीं मिल रहे। किसी की पत्रकारिता धर्म रक्षा में सिमट गई। कोई सरकार के बचाव के लिए फेसबुक पोस्ट लिखे जा रहा है। कोई सोशल मीडिया के जरिये नफरत फैलाना का सुपारी किलर बन गया है। कोई पत्रकारों की सियासत या संगठन/यूनियनबाजी के जरिए अपनी दुकान चला रहा है। यानी क़िस्म-क़िस्म की दलाली जारी हैं। कोई पत्रकार दलाल बन गया तो किसी दलाल ने पत्रकारिता का मुखौटा पहन लिया।

ऐसी भीड़ में निष्पक्षता और निर्भीकता से लिखने पढ़ने वाले चंद पत्रकार ही बचे थे।इस बची खुची दुर्लभ और लुप्त प्रायः जाति में भी बेरोजगारी की मजबूरी में कुछ पत्रकारों को अपने कलम का सौदा करना पड़ा।

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ऐसे में पत्रकारिता से घिन आने लगी। लेकिन सुकून मिलता है जब सीप के घिनौने मांस में चमकता कोई खूखसूरत और बेशकीमती मोती दिखता है।

पत्रकारिता और खबरों का राजकुमार जैसा ..

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राजकुमार सिंह जी को पुनः मंगलकामनाएं

लेखक नवेद शिकोह लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार हैं.

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0 Comments

  1. Omi

    January 15, 2020 at 10:16 pm

    Aur tum kaun harish chandra ho jo rajkumar ko certificate batate fir rahe ho naved

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