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पत्रकार राकेश चतुर्वेदी की मौत की जांच कराई जाए

राकेश चतुर्वेदी

57 साल के पत्रकार राकेश चतुर्वेदी की मौत की घटना की जांच कराई जाए. यह अखबार प्रबंधन की कार्यप्रणाली से जुड़ा मुद्दा भी है. कोरोना से वे कैसे संक्रमित हुए इसकी जांच कराना जरूरी है. फिलहाल “दैनिक जागरण” आफिस को सील करके वहां कार्यरत सभी पत्रकारों व कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की जांच होनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि 6 अगस्त की रात बीएचयू अस्पताल में कोरोना से पीड़ित होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी.

प्रधानमंत्री के संसदीय शहर में हुई यह घटना कोरोना संक्रमितों के इलाज में की जा रही अनियमितता को उजागर करती है. इस घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. वह कब दफ्तर गए थे, कब उनकी तबीयत खराब हुई और कब उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया था ? अस्पताल में क्या जांच व इलाज हुआ ? यह कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिसका खुलासा होना चाहिए.

खबर है कि हजारों जांच रिपोर्ट बीएचयू अस्पताल में पड़ी है और उसकी रिपोर्ट आने में एक सप्ताह का समय लग रहा है. यदि यह खबर सच है तो अंदाजा लगा सकते हैं कि कोरोना से जंग बनारस में किस तरह से लड़ी जा रही है. काशी पत्रकार संघ समेत अन्य पत्रकार संगठनों को इसमें पहल करनी चाहिए. पत्रकार राकेश चतुर्वेदी के प्रति यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

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दैनिक जागरण वाराणसी में लंबे समय तक कार्यरत रहे वरिष्ठ पत्रकार सुरेश प्रताप सिंह की एफबी वॉल से।

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