राष्ट्रीय मीडिया के लिए झारखंड का जनाक्रोश खबर नहीं, मुलायम वंश का सत्ता संघर्ष खबर… गोला में पुलिस फायरिंग, बड़कागांव गोलीकांड, भू-कानूनों में परिवर्तन के विरोध में होने वाला विरोध प्रदर्शन, मोराबादी का जन सैलाब, खूंटी गोली कांड, झारखंड बंद— यह सब राष्ट्रीय मीडिया के लिए खबर नहीं है. पिछले कई महीनों से मुलायम सिंह यादव का पारिवारिक कलह मीडिया की सुर्खी बना हुआ है.
मतलब यह कि राजतंत्र का दौर खत्म हो गया, राजे—रजवाड़े गुजरे जमाने की बात हो गए, लेकिन हमें आज भी राज घरानों के भीतर सत्ता को लेकर चलने वाले षडयंत्र, रानियों के किस्से, उत्तराधिकार को लेकर चलने वाले घात प्रतिघात मजेदार लगते हैं. हमारा मानस अभी भी राजतंत्र के दौर का ही है. हमें खुद से यह सवाल पूछना चाहिए कि यदि मुलायम की वंशवादी राजनीति का सर्वनाश भी हो जाये तो भारतीय लोकतंत्र की क्या क्षति हो जायेगी?
रांची के साहित्यकार विनोद कुमार की एफबी वॉल से.
Comments on “राष्ट्रीय मीडिया के लिए झारखंड का जनाक्रोश खबर नहीं, मुलायम वंश का सत्ता संघर्ष खबर!”
bada hi zaalim sawal puch liya vinodkumar ji ne..:):):)