भागलपुर जोन से प्रकाशित हिंदी दैनिक प्रभात खबर के अररिया एडिशन के चार पत्रकारों ने एक साथ संस्थान को अलविदा कह दिया है। इसके बाद सभी ने एक साथ ही दैनिक सन्मार्ग का दामन थाम लिया है।
प्रभात खबर के भागलपुर संपादक जीवेश रंजन सिंह और प्रादेशिक प्रभारी अजीत कुमार के साथ-साथ अररिया के ब्यूरो प्रभारी मृगेंद्र मणि सिंह के असहयोगात्मक रवैये से परेशान होकर इन सभी ने एक साथ संस्थान को अलविदा कहा है।
बताया जाता है कि संस्थान के वरीय पत्रकार रवि कुमार को मार्च 2019 में प्रादेशिक प्रभारी अजीत ने बड़ी मेहनत से 12000 रुपए महीना दिए जाने की बात कहकर उनका प्रभात खबर में सहयोग मांगा था। उन्हें पहली सैलरी सितंबर माह में मिली, वह भी करार से 3300 रुपए कम।
जब रवि ने कई बार बकाया 5 माह का वेतन दिए जाने को लेकर प्रादेशिक प्रभारी से बात की तो बार-बार अगले माह दे दिए जाने की बातें कही जाती रहीं।
ऐसा सुनते सुनते जब काफी समय बीत गया तो बाद में प्रादेशिक प्रभारी अजीत ने रवि का फोन भी उठाना बंद कर दिया। ऐसे में परेशान होकर रवि ने सारी बातें संपादक जीवेश रंजन सिंह को बताई। उन्होंने जल्द ही प्रादेशिक प्रभारी को इस मामले को सुलझा लिए जाने की बात कही। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
इससे नाराज होकर रवि ने संस्थान छोड़ देना ही मुनासिब समझा।
वहीं प्रभात खबर के अररिया एडिशन में ही लंबे समय से क्राइम बीट देख रहे विष्णु देव झा बेदी भी ब्यूरो प्रभारी मृगेंद्र के रवैये से परेशान थे। उन्होंने भी धीरे धीरे संस्थान छोड़ने का मन बना लिया था। जिला मुख्यालय के एक अन्य पत्रकार जो शिक्षा बीट देख रहे थे, सुब्रत सिन्हा, उन्होंने भी संस्थान छोड़ दिया। बताया जाता है कि वह भी लंबे समय से ब्यूरो प्रभारी की मनमानी से आहत थे।
मृगेंद्र के सबसे करीबी माने जाने वाले फोटो जर्नलिस्ट नवीन कुमार राय ने भी संस्थान से किनारा कर लिया है। वह भी लंबे समय से ब्यूरो प्रभारी की मनमानी से परेशान चल रहे थे।
चारों ने एक साथ 19 अप्रैल को संस्थान को अलविदा कह दिया और सन्मार्ग के साथ नई पारी की शुरुआत कर ली। खबर है कि संस्थान से कुल 6 पत्रकारों का मोहभंग हो गया था और इन सभी ने एक साथ संस्थान छोड़ने का निर्णय लिया था, लेकिन इनमें से दो पंकज कुमार झा और संजय कुमार झा को संपादक जीवेश रंजन सिंह और प्रादेशिक प्रभारी अजीत कुमार के साथ-साथ ब्यूरो प्रभारी मृगेंद्र ने काफी आरजू मिन्नत कर और बढ़िया पद और पैसे देने की बात कह कर मना लिया।
हालांकि संस्थान छोड़ने से पहले इन चारों पत्रकारों ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को भी मामले की जानकारी लिखकर उनके पर्सनल व्हाट्सएप नंबर और मेल पर डाली थी, बावजूद इसके कुछ भी नहीं हुआ तब जाकर सभी ने संस्थान छोड़ दिया।
बताया जाता है कि जल्द ही प्रभात खबर से कुछ और पत्रकार टूट कर दूसरे संस्थान चले जाएंगे।