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टीवी

अब रवीश कुमार क्या करेंगे?

भगवत शुक्ला-

खबरें बता रहीं हैं कि NDTV को Adani group ने खरीद लिया है! मतलब अब रास्ता साफ है। ऐसे में भाई Ravish Kumar जी का क्या स्टैंड होगा, यह देखने की बात होगी। वैसे अडानी द्वारा एनडीटीवी को ख़रीदा जाना पत्रकारिता का पतन होगा।

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ख़ुर्शीद अनवर खान-

अडानी ने रेल, भेल, पोर्ट और एयरपोर्ट के बाद एनडीटीवी भी खरीद लिया है।मेरे जैसे करोड़ों लोग जो बरसों से अख़बार पढ़ना और टीवी देखना बन्द करके भी रवीश का प्राइम टाइम देखते थे उनके लिए यह बुरी ख़बर है।सत्ता के हाथों देश की आखरी उम्मीद का बिक जाना हमारे जैसे करोड़ों देश प्रेमियों के लिए दुखद है।

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दिलीप मंडल-

एनडीटीवी जैसा चल रहा था, वैसा चलता रहेगा। एनडीटीवी सर्वहारा का चैनल कभी नहीं था।अंबानी से लोन लिया था। ओसवाल की इसमें 14% हिस्सेदारी थी। अब अडानी समूह ने 29 परसेंट ले लिया है। सारी दुनिया में कॉरपोरेट ही मीडिया को चलाता है। सीएनएन, फ़ॉक्स, स्टार, स्काई सब। पब्लिक ब्रॉडकास्टर बीबीसी को छोड़ सभी। इसलिए कृपया चिंतित न हों। एनडीटीवी में कोई बदलाव नहीं होगा।

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सौरभ यादव-

पहले अडानी द्वारा द क्विटं को खरीदा गया अब NDTV में बड़ा हिस्सा खरीद लिया गया। ये चैनल नहीं ये दरअसल घुप्प अंधेरे में टिमटिमाते दीये खरीदे जा रहे हैं बचीकुची उम्मीद खरीदी जा रही है वो रौशनी का एक कतरा भी नहीं छोड़ना चाहते क्योंकि जरा सी भी रौशनी उनके काले कारनामों को उजागर कर देगी।

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हर्ष कुमार-

NDTV के 29.18% शेयर अडानी ने खरीद लिए हैं और 26% को बाजार में बिकने के लिए डाल दिया गया है। मतलब ये कि कुल 54% शेयर अब एनडीटीवी के हाथ से निकलकर दूसरी कंपनियों के पास जा रहे हैं। इस तरह अब प्रणब राय का कब्जा खत्म हो रहा है। रवीश कुमार का क्या होगा? रवीश जी को सोचने की जरूरत नहीं, मैं अपने तीन चैनलों के छोटे से ग्रुप में उन्हें आमंत्रित करता हूं कि वे आ सकते हैं। कोई टीवी चैनल तो उन्हें लेगा नहीं? याद है ना आपको? जब अंबानी ने आईबीएन (नेटवर्क 18) का टेकओवर किया था तो राजदीप सरदेसाई और आशुतोष कैसे सरपट भागे थे वहां से? राजदीप को तो ‘इंडिया टुडे’ में अरुण पुरी ने दया दिखाते हुए रख लिया था, हालांकि उनकी हरकतें वहां से भी निकलने वाली ही हैं। आशुतोष पहले राजनीति में गए और अब ‘सत्य हिंदी’ चला रहे हैं। रवीश किसी भी चैनल में एडजस्ट नहीं हो सकते।

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