
Nitesh Tripathi : जामिया में Republic चैनल के साथ जो भी हो रहा है वह सिर्फ और सिर्फ गुंडागर्दी है. चार रिपोर्टर पर हमले, उनमें तीन महिला रिपोर्टर भी थीं. उन्हें धक्का दिया गया, बाहर निकाला गया. कैमरा मैन को धक्का दिया, टेप छीनने की कोशिश, रिपोर्टर का मोबाइल ले लिया गया.
आखिर ये है क्या? आजादी? कैसी आजादी? कहां की आजादी? कबसे थे गुलाम? अब तक नहीं मिली क्या आजादी? दूसरे मुल्क में होते तब पता चलता आजादी के क्या मायने होते हैं. यहां जितनी आजादी है उतनी कहीं नहीं मिलेगी.
आखिर जामिया किसी के बाप का तो है नहीं, वहां हर कोई जा सकता है. क्यों आप किसी को रोकेंगे? आप होते कौन हैं रोकने वाले? टैक्स पेयर के पैसे से आपकी शिक्षा हो रही है. सब जाएंगे वहां पर. ये कैसा विरोध है? क्या है ये? बस आराजकता?
महिला रिपोर्टर की तरफ उंगली दिखा कर गंदे गंदे इशारे कर रहें है आप लोग. शाबाश सभी रिपोर्टर्स जो इतने भय के माहौल में रहने के बाद भी लगातार रिपोर्टिंग करते रहे. हटे नहीं वहां से.
ये किसी एक चैनल की बात नहीं है? लगभग सबके साथ ऐसा हो रहा है. JNU में सब टारगेट पर रहे. बार-बार कह रहा हूं ये जो गुंडागर्दी का नया फैशन चला है, आने वाले दिनों के लिए बहुत खतरनाक है. मीठा मीठा गप गप, कड़वा कड़वा थू थू…ये तो नहीं चलेगा.
पत्रकार नीतेश त्रिपाठी की एफबी वॉल से.
कुछ कमेंट्स देखें-
S M Altamash Jalal इस तरह के हमला किसी भी तरह सही नहीं ठहराए जा सकते। लेकिन इसका आंकलन होना चाहिए। आखिर क्यों कुछ चैनलों ने लोगों का विश्वास खो दिया है। भोपाल का किस्सा बता रहा हूं आपको। पाक शर्णाथियों को लेकर रिपोर्ट करने के लिए गए थे। बैरागढ़ में कुछ परिवार रह रहे हैं। वह नेशनल मीडिया के साथ थे। जब पूछा गया सवाल तो उन लोगों ने कहा कि हमें तो हमारे ही परिवार ने सताया है। इसलिए भारत आ गए। फिर एक नेशनल मीडिया के चैनल के वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि ऐसा नहीं कहना है कैेमरे के सामने। उन्होंने कहा ऐसा कहना कि हमें वहां धार्मिक आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा था इसलिए हम भोरत आए हैं। फिर बाद में बातचीत में उ्नहोंंने कहा कि भाई दिल्ली से आदेश हैं कि सिर्फ प्रताड़ित वालों की स्टोरी करना। अगर नहीं मिल रहे हैं तो जो हैं उन्हें प्रत्ड़ित बता कर स्टोरी करना है। वहीं, प्रदर्शन को लेकर उ्नहोंने कहा कि दिल्ली से आदेश है कि सिर्फ मुस्लिमों का ही विरोध प्रदर्शन दिखाना है।
अब बात हमले की, जब कोई बड़ा चैनल आवाज़ उठाता है तो सरकार पर असर होता है लेकिन इस तरह आगर ये मालिक अपने रिपोर्टरों से ऐसा काम करवाएंगें तो जूते भई पड़ेंगे। इसलिए जड़ में जाना जरूरी है। यह जानना भी जरूर सिर्फ रिपब्लिक और जी जैसे चेनलों के ही क्यों पिट रहे हैं। बाकी हिंसा होना तो गलत ही है। लेकिन अब गुस्सा बहुत बड़ चुका है। रही बात आजा़दी के सवाल की तो पहली बात ऐसा काम करने वाले विरोधकर्त तो नहीं है लेकिन उनकी आड़ लेकर ऐसा काम करने वाले जरूर हैं। जो हर जगह अपवाद के रुप में मिल जाएंगे।
Nitesh Tripathi भाई…..ये ZEE और रिपब्लिक ही नहीं..Aaj Tak, India TV, ABP News सबके साथ हो रहा है…पिछले दिनों ABP का वीडियो मैंने शेयर भी किया था, इसी जामिया का था. बचा कौन है..NDTV…..ये एक शगल बन गया है. बात बस ये है कि मीठा मीठा गप गप, कड़वा कड़वा थू थू…
S M Altamash Jalal मैंने इसलिए कहा है भीड़ में पहचान नहीं हो सकती, इसका जिम्मेदार विरोध करने वालों को नहीं ठहराया जा सकता। चैनलों को भी गौर करना होगा। कब तक सरकारों की गुलामी करेंगे।
Nitesh Tripathi भाई……..हाथ कंगन को आरसी क्या
Sandip Sharma इस पर तुरंत और कारगर कार्यवाही की सख्त जरूरत है। आस्तीन के सांप पल रहे है । JNU और जामिया में ।
Love’e Kumar Shrivastav अक्सर लोग मैंने देखा किसी भी मसले में सबसे पहले अपनी जाहिलियत रिपोर्टर से निकालते हैं, जबकि एक रिपोर्टर कभी भी किसी मसले में भेदभाव नही करता, बस वो अपना कार्य करता है
Comments on “जामिया में रिपब्लिक टीवी के रिपोर्टरों-कैमरामैन पर हमला”
Interesting to see Tiwari & Sharma took the obvious Manuwadi route of abuse such as “aastin ke saap pal rahe hain”, whereas Shrivastava & Jalal mentioned the bootlicking & apparent bigotry of Republic & Zee. These Brahmins, 5% of the nation’s population but virtually own the public space, aggressiveness will one day surely lead us to a civil war if their influences are not curtailed.
Nachiket verma you are hypocrite! you want civil war in our country? More like a vulture you are! Get well soon
इस channel के यानी arnab और उसके के gang को किसी भी जगह allow नहीं करना चाहिए ये channel किसी case को विरोधों के तौर पर बेहद भड़काऊ headline बनाकर अपनी दुकान जो न्यूज़ channel के नाम से चला रहा है सारे anchor चीखते चिल्लाते नजर आते है और भड़काऊ बनाते है ! जबकि news channel हकीकत को निष्पक्ष तौर से दिखाते है पर ये channel arnab जो अपने आप को चीफ मानता है ना बोलने का अक्ल , भाषा इसकी सड़क छाप , बजा देंगे , ठोक देंगे , नार्को कर देंगे ये है इसकी cheif भाषा सामने वाले को भौंकता रहता है ! ये कैसा पत्रकारिता?
सोचता है सब जगह bjp का platform समज्ता है ?