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अपने एंकर की मौत की खबर कई घंटों तक दबाए रखा आजतक ने!

पदमपति पदम-

काफी विलंब से अपराह्न दो बजे पहली बार आजतक ने रोहित सरदाना के असमय निधन की खबर चलायी । मेरे तमाम सहयोगी आजतक में हैं उनमे एक को जब मैने लताडा, उसका जवाब था, “सर, आप सुप्रियो और अरुण पुरी को बोलिए। चैनल तो यही लोग चलाते हैं। हम लोग मुलाजिम हैं, हमें आवाज उठाने का हक नहीं है।

अपनी पुस्तक के विमोचन के लिए दिल्ली में था। इसी सिलसिले में मैं अंतिम बार 29 जनवरी 2020 को आजतक में गया था। विक्रांत गुप्ता ने इंटरव्यू करने के पहले रोहित से मेरा परिचय जब कराया तब मै भावुक हो गया था। लेकिन नहीं जानता था कि परमात्मा हमारे सबसे चहेते एंकर को सिर्फ 42 की उम्र में ही हमसे छीन लेगा। दंगल मेरा सबसे प्रिय शो था। इधर चार पांच दिनों से उसको न देख कर मैंने सोचा कि शायद रोहित छुट्टी पर चला गया होगा। लेकिन उसको तो ऊपरवाले ने कोरोना संक्रमण के बहाने हमेशा के लिए अपने पास बुला लिया। कौन सुनाएगा निर्भीक, बेधड़क और बहादुर एंकर रोहित की तरह प्रवक्ताओं को खरी खरी ?

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जी टीवी में रोहित का ” ताल ठोक कर” सबसे लोकप्रिय शो हुआ करता था। उसके आजतक में चले जाने से उस शो का आकर्षण वो नहीं रहा.


अमित चतुर्वेदी-

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आजतक के सबसे मशहूर ऐंकर रोहित सरदाना का निधन हो गया, लेकिन उनके चैनल में लगातार एग्ज़िट पोल दिखाया जा रहा है, उनके इतने बड़े ऐंकर की मौत की कोई ख़बर नहीं।

ये है मीडिया कि हक़ीक़त, ख़ुद रोहित भी इसी में लगे हुए थे…सरकार चालीसा पढ़ते पढ़ते इंसान चला गया, और जहाँ वो ये चालीसा पढ़ता था, वहीं एक श्रधांजलि की ख़बर तक नहीं…

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शर्मनाक…




विक्रम सिंह चौहान-

आज तक के पत्रकार रोहित सरदाना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वे कोरोना से पीड़ित थे। लेकिन जिस चैनल में वे एंकरिंग करते थे, वह उनकी मौत की खबर नहीं दे रहे हैं। ब्रेकिंग तो छोड़िए पट्टी में भी नहीं दे रहे।

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‘आज तक” अभी के प्रोग्राम में भी केंद्र का बखान कर रहा है।आप सोचिए एक पत्रकार की मौत पर उसका संस्थान कैसे खुद को उससे अलग कर लेता है।झेलता सिर्फ उस पत्रकार का परिवार है।

अरुण पूरी कितना गंदा खेल खेलता है यह अब उसके संस्थान में काम करने वाले पत्रकारों को सोचना चाहिए।गोदी मीडिया को भी सोचना चाहिए। एक आम आदमी की मौत की खबर भी निधन कॉलम में आ ही जाता है, पर पत्रकार की नहीं।

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पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय सांध्य दैनिक “छत्तीसगढ़” ने अपने पत्रकार तिलक देवांगन की मौत की खबर उनकी फोटो सहित फ्रंट पेज में दिया। उस अखबार के मालिक और संपादक सुनिल कुमार को सलाम जिसने उन्हें मृत्यु के बाद भी सम्मान दिया।

रोहित सरदाना आपके परिवार को इस आघात को सहने की शक्ति मिले।भावभीनी श्रद्धांजलि

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नवेद शिकोह-

ओफ। आजतक खबर में इतना सुस्त कोई न्यूज़ चैनल नहीं देखा। ख़ुद का सितारा दुनिया से एक्ज़िट कर गया और ये चैनल चुनावी एक्जिट पोल में मसरूफ है। सोशल मीडिया मे वायरल आजतक के स्टार एंकर के देहांत की खबर जब आजतक पर नहीं चली तो लोग इस खबर को फेक मानने लगे। फिर जी न्यूज़ के सुधीर चौधरी के ट्वीट से आजतक के रोहित सरदाना की मृत्यु की खबर की पुष्टि हुई।

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इंदु भूषण पांडेय-

स्मृति शेष रोहित सरदाना जी.! मैं आप के निधन से अंदर तक हिल गया हूं। मौजूदा समय आप आजतक में थे। जैसे ही खबर मिली कि आप का निधन हो गया। बहुत महीनों बाद आज आजतक चैनल पर रिमोट घुमाया। देखा तो एग्जिट पोल आ रहा था। आजतक कि इस बेशर्मी और नीचता की मैं कड़ी निंदा करता हूं। वैसे भी आज आप का निधन न हुआ होता तो मैंने आजतक देखना छोड़ दिया है। श्र्द्धांजलि। ईश्वर आप की आत्मा को शांति दे..

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पंकज मिश्रा-

आदमी कभी पूरा नही जाता , हमेशा कुछ छोड़ कर जाता है , इतिहास आदमी को नही उसके छोड़े हुए को याद करता है …

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राजन मिश्र ने जो छोड़ा , कुंवर बेचैन ने भी कुछ छोड़ा है उसे सदियां याद करेंगी , गाएंगी गुनगुनाएँगी …वह ऐसी ही स्मृतियों में शेष रहेंगे |

रोहित सरदाना नौकरी कर रहे थे , उनके चैनल की policy होगी उसके तहत काम करते होंगे लिहाज़ा , व्यक्ति सरदाना के जाने का दुःख है , दुःख इसलिए कि वह रोज दिखते थे सो आदत सरीखे थे ……

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लेकिन इससे भी बड़ा दुख यह है कि वह जो छोड़ कर गए है … उसे पब्लिक कितना और कैसे याद रखेगी …. आपके पास प्लेटफॉर्म था और मौका भी था परंतु …..

इस परंतु पर गौर करने का समय है , आदमी को आदमी के हक में खड़ा रहने का समय है , ऐसा होगा तो फिर किंतु परंतु की जगह खत्म हो जाएगी ….

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