कुलदीप कुमार (शिव कॉलोनी रादोंर, जिला यमुना नगर, हरियाणा) ने थाना चिलकाना (सहारनपुर) में एक कथित पत्रकार के माध्यम से की जाने वाली दलाली के सम्बन्ध में आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को शिकायत भेज कर मदद मांगी जिस पर श्री ठाकुर ने डीजीपी यूपी से जांच करा कर कार्यवाही की मांग की है. कुलदीप कुमार ने 10 अगस्त 2014 को थानाध्यक्ष चिलकाना को 800 ट्राली बिल्डिंग मटेरियल की चोरी की लिखित शिकायत दी ताकि एफआईआर दर्ज हो लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई. 18 सितम्बर को उन्हें एक कथित पत्रकार सचिन जैन मिला जिसने 10,000 रुपये में एफआईआर कराने का जिम्मा लिया और 2 घंटे में एफआईआर संख्या 218/2014 धारा 379/506 आईपीसी दर्ज हो गया.
उसी सचिन जैन ने तफ्तीश के लिए 5,000 रुपये विवेचक को दिलाये पर इसके बाद कोई कार्यवाही नहीं हुई. श्री कुलदीप ने 18 नवम्बर को एसएसपी सहारनपुर को प्रार्थनापत्र दिया लेकिन कार्यवाही नहीं हुई है. उन्होंने रिश्वत देने पर अपने खिलाफ और अन्य लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करने की मांग की है और कहा है कि यदि उन्हें इन्साफ नहीं मिलेगा तो वे एक स्टाम्प पेपर पर लिख कर आत्महत्या कर लेंगे. श्री ठाकुर ने मामले की जांच करा कर कठोर कार्यवाही की मांग की है.
सेवा में,
पुलिस महानिदेशक,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ
विषय- थाना चिलकाना, जनपद सहारनपुर के थानाध्यक्ष तथा एक उपनिरीक्षक के सम्बन्ध में
महोदय,
निवेदन है कि मुझे व्यक्तिगत स्तर पर श्री कुलदीप कुमार पुत्र श्री प्रेम चंद गुप्ता निवासी शिव कॉलोनी रादोंर, जिला यमुना नगर, हरियाणा फोन नंबर 098130-35044 का एक प्रार्थनापत्र दिनांक 03/12/2014 प्राप्त हुआ है जो उन्होंने मुझे न्याय दिलाने की अपेक्षा से भेजा था. इस पत्र के साथ एक शपथपत्र संख्या 25AA 577079 संलग्न था. इस शपथपत्र तथा साथ लगे प्रार्थनापत्र के अनुसार श्री कुलदीप कुमार के करीब 800 ट्राली माल जिसमे रेता, गटका, मिक्स माल आदि शामिल थे, चार लोगों ने चोरी से उठा कर वन विभाग की सड़क पर डाल दिया था. उन्होंने इसके सम्बन्ध में दिनांक 10/08/2014 को थानाध्यक्ष चिलकाना, जनपद सहारनपुर को एफआईआर हेतु प्रार्थनापत्र दिया जिसमे चार लोग नामजद किये गए थे लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी. वे इसके बाद थानाध्यक्ष से लगातार मिलते रहे पर सब व्यर्थ रहा.
दिनांक 18/09/2014 को उन्हें थाना चिलकाना में ही एक पत्रकार श्री सचिन जैन फोन नंबर 097614-88589 मिले जिन्होंने उन्हें बताया कि थानाध्यक्ष हरिंद्र प्रसाद वही करेंगे जो वे चाहते हैं और यदि श्री कुलदीप एफआईआर कराना चाहते हैं तो वे 15,000 रुपये दें, उनका काम हो जाएगा. उनके बीच सौदा 10,000 रुपये पर पटा और श्री जैन को पैसा देने के 2 घंटे के अन्दर एफआईआर संख्या 218/2014 धारा 379/506 आईपीसी समय 11.20 बजे दर्ज हो गया, यद्यपि जो एफआईआर हुआ वह दिनांक 10/08/2014 के प्रार्थनापत्र पर नहीं हुआ बल्कि श्री कुलदीप से नया प्रार्थनापत्र लिखवाया गया.
इसकी तफ्तीश श्री राजेंद्र प्रसाद एएसआई को मिली. पुनः दिनांक 18/09/2014 को ही श्री सचिन जैन करीब 6 बजे श्री कुलदीप से मिले और कहा कि उन्होंने विवेचक से बात कर ली है, 5,000 रुपये में वे जो चाहेंगे वैसी विवेचना हो जायेगी. श्री कुलदीप ने मजबूरी में 4,000 रुपये में सौदा तय कर लिया.
दिनांक 19/09/2014 को श्री राजेंद्र कुमार ने श्री कुलदीप को अपने कमरे में बुला कर श्री सचिन जैन के सामने 4,000 रुपये लिए और उसके बाद श्री राजेंद्र 3 सिपाहियों के साथ ट्रेक्टर पर मौके पर गए, मौके का नक्शा बनाया और कहा कि अभी कार्यवाही हो जायेगी. उस दिन के बाद से श्री कुलदीप लगातार श्री राजेन्द्र से संपर्क कर रहे हैं पर वे कहते हैं कि उनके पास अभी समय नहीं है. श्री कुलदीप के अनुसार उन्होंने दिनांक 18/11/2014 को एसएसपी सहारनपुर को सारी बातें कहते हुए एक प्रार्थनापत्र भेजा था लेकिन अब तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है.
उन्होंने अपने प्रार्थनापत्र में कहा है कि रिश्वत देने वाला भी अपराधी है यद्यपि उन्होंने ऐसा मजबूरी में किया था. इस रूप में उन्होंने स्वयं अपने खिलाफ और एसओ, विवेचक तथा उस कथित पत्रकार के खिलाफ आईपीसी में मुक़दमा दर्ज कर कार्यवाही करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि यदि उन्हें इन्साफ नहीं मिलेगा तो वे एक स्टाम्प पेपर पर लिख कर आत्महत्या कर लेंगे. मैं नहीं जानता कि श्री कुलदीप की कही कितनी बातें सही हैं पर इतना जरुर जानता हूँ कि प्रथमद्रष्टया उनकी बातों में सच्चाई दिखती है क्योंकि उन्होंने अपने पत्र के साथ सबूत के रूप में दिनांक 10/08/2014 के प्रार्थनापत्र, फोन नंबर के विवरण के साथ कई अन्य अभिलेख भी प्रस्तुत किये हैं.
अतः उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत आपसे निवेदन है कि इस गंभीर प्रकरण की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी से करा कर सत्यता के आधार पर कठोर विधिक कार्यवाही कराने और श्री कुलदीप कुमार को न्याय दिलाने की कृपा करें.
भवदीय,
अमिताभ ठाकुर
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ