मनीष दुबे-
टीएमसी द्वारा राज्यसभा के लिए नामित होने के बाद पत्रकार सागरिका घोष लगातार ट्रोल हो रही हैं. इसका कारण है उनका अपना ही एक पुराना ट्वीट. जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कभी किसी पार्टी में जाकर कोई भी पॉलिटिकल लाभ नहीं लेंगी. नेवर. लेकिन अब वह लाभ ले रही हैं.
कल सोमवार 12 फरवरी इसी संबंध में भड़ास4मीडिया पर एक ख़बर प्रकाशित हुई थी. ख़बर के प्रकाशित होते ही आज मंगलवार 13 जनवरी को सागरिका घोष को अपने उस पुराने ट्वीट की याद आ गई. जिसे लेकर उनने लगातार दो ट्वीट कर अपना स्पष्टीकरण दिया है.
अपने पहले ट्वीट में सागरिका लिखती हैं, “6 साल पहले (2018) का मेरा ट्वीट व्यापक रूप से प्रसारित किया जा रहा है। उस समय मैं एक कामकाजी पत्रकार थी और हां, उस समय रातों-रात दलगत राजनीति में चले जाना मेरे लिए अनुचित होता। हालाँकि 2020 में मैंने पूर्णकालिक पत्रकार बनना बंद कर दिया और पिछले 3 वर्षों से विभिन्न समाचार पत्रों के लिए स्वतंत्र स्तंभकार रही हूँ।”
अपने अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, “इसलिए सार्वजनिक जीवन में कदम रखने से पहले मुझे पूर्णकालिक पत्रकारिता से 3 साल की कूलिंग ऑफ अवधि मिली है। आज जब बढ़ती सत्तावादी मोदी सरकार किसी भी संस्थागत प्रतिबंध को नहीं मानती है और लगभग पूरी तरह से मीडिया पर कब्जा कर लिया है, संवैधानिक लोकतंत्र के प्रति मेरी प्रतिबद्धता ने मुझे लोकतांत्रिक स्थानों और लोकतांत्रिक प्रतियोगिता को जीवित रखने के लिए AITCofficial की साहसी लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया है।”
सीनियर पत्रकार राजदीप सरदेसाई की पत्रकार पत्नी सागरिका घोष के ट्वीट पर आए कुछ कमेंट भी हमने समेटे हैं..उन्हें आप नीचे पढ़िए
संदीप राव-
शांति बकलोल आंटी, सिद्धांत पूर्ण जीवन के लिए होते हैं, जब आपने कहा था कभी नहीं.. इसे अन्यथा नहीं लिया जा सकता। हमेशा ग्रे एरिया में बॉल डाल दे. जब बात सिद्धांत की हो तो यह या तो काला या सफेद होना चाहिए। पर ये भी सच है कि आप प्रेस्टीट्यूट थे, जर्नलिस्ट नहीं।
अनु दत्ता-
आप तब श्रमजीवी पत्रकार थे और अब आप स्वयं को क्या कहेंगे? आप सदैव गोदी पत्रकार रहे हैं और किसी भी आकार या रूप में पीत पत्रकारिता करते रहे हैं। #मुमताजबेगम की पार्टी में शामिल होना आपके असली रूप को दर्शाता है। निश्चित रूप से आप वैसे भी गोदी पत्रकार बनने से नहीं चूकेंगे। बस प्रार्थना करें कि ईडी और एनआईए आपको कड़ी जांच के दायरे में रखें और जल्द ही आप पर मुकदमा चलाएं।
पुष्पकर भारद्वाज-
चिंता न करें, और किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है। हर कोई जानता है कि आप कितने अवसरवादी हैं। आप 6 साल बाद बीजेपी में रहने की कोशिश करेंगे जब कूलिंग पीरियड खत्म हो जाएगा। मेरा ट्वीट सेव कर लो..बीजेपी तुम्हें अंदर नहीं आने देगी।
तुषार वी राजपूत-
जिस अनुकूल पत्रकारिता को आपने और आपके पति ने अपने फायदे के लिए चैनलों पर खूब प्रसारित किया, उसने इस पेशे में इतना गलत काम किया है कि अब किसी को इस पर कोई भरोसा नहीं रह गया है। उच्च सदन में आपके पहले भाषण में आपकी तथाकथित पेशेवर यात्रा में किए गए सभी छद्म हाइलाइट्स के लिए माफी शामिल होनी चाहिए।
निशांत त्रिवेदी-
लगता है अपनी ही दवा का स्वाद पसंद नहीं आया. अब तक आप यही कर रहे थे. पुराने बयानों को खंगालना और फिर उनका प्रचार करना. आप दोनों लोगों को बेवकूफ बनाने में बहुत अच्छे हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार आपने TMC को मूर्ख बनाया है, मुझे नहीं लगता कि आप Mamata Banerjee के लिए कोई मूल्य लाएंगे लेकिन यह आपके लिए बहुत बड़ी बात है!
नीचे वो ख़बर जो कल सोमवार भड़ास ने छापी थी..