Om Thanvi : इंडियन एक्सप्रेस का आज दो टूक सम्पादकीय…. गोवा और मणिपुर में राज्यपालों को पहले सबसे बड़ी पार्टी के नाते कांग्रेस को सरकार बनाने को आमंत्रित करना चाहिए था। गोवा की राज्यपाल का आचरण प्रश्नाकुल है। उन्होंने समर्थन के जिन पत्रों के आधार पर पर्रिकर को मुख्यमंत्री पद की शपथ का न्योता दे दिया, वे भाजपा के साथ किसी गठबंधन में शरीक़ नहीं थे। बल्कि उनमें एक पार्टी गोवा फ़ॉर्वर्ड पार्टी ने भाजपा के ख़िलाफ़ अभियान छेड़ा था।
जस्टिस पुंछी आयोग ने इस बारे में जो दिशा-निर्देश सुझाए उनमें एक यह भी था कि राज्यपाल को चाहिए कि किसी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में पहले सबसे पड़ी पार्टी या चुनाव से पहले हुए गठबंधन की सबसे बड़ी संख्या को देखकर सरकार बनाने का न्योता देना चाहिए। सरकारिया आयोग ने भी केंद्र-राज्य संबंधों की पड़ताल करते हुए यही राय रखी थी।
इंडियन एक्सप्रेस ने सर्वोच्च न्यायालय की भी आलोचना की है: “भले अदालत ने राज्यपाल द्वारा दी गई 15 दिन की मोहलत को घटाकर 48 घंटे कर दिया, पर यह आधा उपचार है। सर्वोच्च न्यायालय का सबसे बड़ी पार्टी को पहले आमंत्रित करने के सिद्धांत की रक्षा करने में हिचकिचाना विवादास्पद है।”
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गोवा और मणिपुर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। वह सरकार बना पाए न बना पाए, उसे इसका अवसर मिलना चाहिए था। पर मिलेगा नहीं। क्योंकि मोदी भले दावा रिवायतें बदलने का करें, भाजपा को वे और उनके पार्टी अध्यक्ष कांग्रेस के रास्ते ही हाँक रहे हैं। यानी येनकेन प्रकारेण सत्ता हथियाने की लिप्सा कांग्रेस में भी कम न थी। पर भाजपा में उतावली और ज़्यादा दिखाई देती है। उनके राज्यपाल और उतावले हैं। … जिसकी लाठी, उसकी भैंस। लोकतंत्र गया तेल लेने।
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी की एफबी वॉल से.
Comments on “‘इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार ने गोवा-मणिपुर के राज्यपालों और सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की”
Kyon milna chahiye Congress ko awsar? Congress ne aaj tak jo kuchh kiya, ab BJP kar rahi hai, to logon ko dikkat aaney lagi hai. Aur sabse jyada dikkat to aap jaise logon ko ho rahi hai. Aap pahley congress ke itihas ko dekh len…. Aaj bjp congress ke hi ‘padchinhon’ par chal rahi hai, to kya burai hai…?!!!