समस्तीपुर हिन्दुस्तान इन दिनों बासी खबर प्रकाशित कर रहा है। पिछले एक माह का आंकड़ा लें तो पता चलता है कि जो खबर प्रभात खबर, दैनिक जागरण तथा दैनिक भास्कर आज प्रकाशित कर रहा है, हिन्दुस्तान उसे अगले दिनों में प्रकाशित कर रहा है। बासी खबर प्रकाशित करने से पाठकों का एक हिस्सा हिन्दुस्तान से विमुख होने लगा है। पिछले दिनों हिन्दुस्तान ने समस्तीपुर के ब्यूरो चीफ ब्रज मोहन मिश्रा का स्थानान्तरण भी कर दिया। इस पद पर राम बाबू सुमन का आगमन हुआ। रोसड़ा में छायाकार के पद पर रहने वाले सुनील पंजियार को शिवाजीनगर प्रखंड का रिपोर्टर बना दिया गया।
बेगूसराय के हेमन्त कुमार को रोसड़ा का क्राईम रिपोर्टर बना दिया गया। संजीव सावर्ण को सकेन्ड मैन से हटा कर उमेश मिश्रा को सैकेन्ड मैन बना दिया गया। राजनन्दन प्रसाद को सुपर स्ट्रींगर बना दिया गया। लेकिन इतने बदलाव के बाद वर्तमान ब्यूरो के नेतृत्व में हिन्दुस्तान बासी खबर को प्रकाशित कर रहा है। प्रभात खबर बढ़ते क्रम में आगे निकल रहा है, जबकि हिन्दुस्तान पिछड़ रहा है। चार अनुमंडल वाले समस्तीपुर जिले में रोसड़ा अनुमंडल सबसे विवादस्पद अनुमंडल रहा है। यहां के तकरीबन पांच सौ से अधिक पाठक कम हुये है। बिथान में नये रिपेार्टर को रखा गया है। विभूतिपुर में दो रिपोर्टर हैं। रोसड़ा में दो रिपेार्टर हैं। शिवाजीनगर, बिथान, हसनपुर तथा सिंघिया में एक-एक रिपेार्टर हैं।
रोसड़ा पेज पर सप्ताह में कम से कम तीन दिन एक भी खबर का न होना रोसड़ा के पाठकों को गले नहीं उतर रहा है। इसी प्रकार समस्तीपुर रेलवे की खबर को लेकर प्रभात खबर ने विगत 15 दिन में समसतीपुर रेलवे पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। हिन्दुस्तान के कभी समस्तीपुर कार्यालय प्रभारी मोहन कुमार मंगलम इन दिनों समस्तीपुर प्रभात खबर में जुड़कर हिन्दुस्तान को पानी पिला रहे है। हिन्दुस्तान रेलवे व समाहरणालय जैसे प्रमुख बीट तथा रोसड़ा जैसे इलाके में पिछड़ रहा है। प्रभात खबर में इन दिनों जिले के सभी टॉप रिपोर्टर कार्य कर रहे हैं।
हिन्दुस्तान में काम कर चुके प्रियदर्शी हरेकृष्ण, मोहन कुमार मंगलम प्रभात खबर में हैं। केशव कुमार दैनिक भाष्कर में हैं। गिरजानन्दन शर्मा दैनिक जागरण में है। ऐसे में हिन्दुस्तान का हाल खास्ता होना लाजमी है। मुजफ्फरपुर यूनिट के संपादक संजय कटियार का भी स्थानान्तरण हो गया है। इनके जगह पर कुमार अभिमन्यु ने बागडोर संभाली है। लेकिन समस्तीपुर के मामले में इन दिनों ये भी कुछ कर नहीं पा रहे हैं।
समस्तीपुर से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Sanu
August 7, 2016 at 12:51 pm
बहुत खूब! वाह-वाह…. अपने हित के लिए अच्छी स्टोरी बनाई है मंगलम जी ने! लगता है प्रभात में घुटन महसूस हो रही है।
वैसे रोसड़ा में ‘हिन्दुस्तान’ सर्कुलेशन के मामले में बेपटरी हो चुका है। 48 साल पुराने एजेंट की बलि देना प्रबंधन को अब महंगा पड़ रहा है। 25 हजार रूपये नजराना लेकर सर्कुलेशन विभाग के एक बंदे ने एक ही झटके में 48 साल पुराने हिन्दुस्तान के एजेंट को भास्कर की शरण में जाने को मजबूर कर दिया। रोसड़ा शहर में अब भास्कर की बल्ले-बल्ले है।