रायपुर की एक अदालत ने अमन सिंह की तरफ से लगाये गये मानहानि केस में पत्रिका अखबार के तत्कालीन संपादक गिरिराज शर्मा और कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह को 6-6 महीने जेल की सजा सुनाई है। 6-6 महीने की जेल के अलावा 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
एडवोकेट राकेश सोती ने बताया कि जस्टिस विनय प्रधान की कोर्ट ने ये सजा सुनायी। मामला 30 अक्टूबर 2013 का है। पत्रिका अखबार ने अमन सिंह के दुबई भागने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के साथ-साथ पत्नी को अनुचित लाभ पहुंचाने, पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदने जैसे कई गंभीर आरोप लगाये गये थे। उस वक्त कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने इस मामले में प्रेस कांफ्रेंस की थी।
कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद आज पत्रिका के तत्कालीन संपादक गिरिराज शर्मा और आरपी सिंह की मौजूदगी में दोनों को 6-6 महीने की कैद और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। दोनों को 15-15 दिन का वक्त दिया जायेगा। अगर इस दौरान अपील कर फैसले पर रोक लगाने में कामयाब हो जाते हैं तो इनकी गिरफ्तारी नहीं होगी।
ज्ञात हो कि गिरिराज शर्मा का नाम छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में आक्रामक और जनपक्षधर पत्रकारिता के लिए जाना जाता है। बताया जाता है कि संपादक रहते हुए गिरिराज शर्मा ने रमन सिंह सरकार के लिए खासी मुश्किल खड़ी कर दी थी। यहां तक कि पत्रिका अखबार के संवाददाताओं को विधानसभा सत्र के कवरेज के लिए पास जारी करना बंद कर दिया था, जिसके विरोध में पत्रिका अखबार ने फ्रंट पेज पर लिखा भी था। यह मामला राज्य के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह से जुड़ा बताया जा रहा है, अमन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी अधिकारी माने जाते हैं। अच्छे सच्चे पत्रकारों को सत्ता की पोल खोलने का खामियाजा अक्सर उठाना पड़ता है। गिरिराज भी उसी कड़ी के एक शानदार पत्रकार-संपादक हैं।