अजय एसएन सिंह-
2009 बैच के आईएएस टॉपर शाह फ़ैज़ल ने प्रशासन में तमाम कमियां गिनाते हुए 2019 में आईएएस की नौक़री से इस्तीफ़ा दे दिया था। इस्तीफ़ा देकर वो राजनीति में चले गये थे। अब राजनीति से ज़ल्दी ही मन भर जाने की वज़ह से वो फिर से नौक़री में लौट रहे हैं।
चूंकि उनका इस्तीफ़ा अभी ऐक्सेप्ट नहीं हुआ था, वह अभी पेंडिंग में ही पड़ा था, इसलिए वो फिर से आईएएस करने लौट आए। इसी तरह से कई आईएएस या तो इस्तीफ़ा दे चुके हैं या फिर पेंशनभोगी होने के लिए वीआरएस के इंतज़ार तक नौकरी करते रहे और फिर वीआरएस लेकर घर लौट गये।
हमारे आईआईएमसी के कई सीनियर्स नौक़री से इस्तीफ़ा देकर सिविल सर्विसेज़ की तैयारी में जुट गये। कुछ सफल हुए तो कुछ को सफलता हाथ नहीं लगी।
जिन्हें सफलता हाथ नहीं लगी, वो फिर से पत्रकारिता, स्क्रिप्ट राइटिंग, लेखन, फ़िल्म समेत कला… की दुनिया में चले गये। और जो सिविल सर्विसेज़ में चले गये, कुछ ही वर्षों में वो फिर से पत्रकारिता की ओर आकर्षित होने लगे। अपने साथियों को पत्रकारिता में बेहतर करते देख नौक़री में असंतुष्ट महसूस करने लगे।
दरअसल, ये दुनिया ऐसी ही है। प्रतिभाशाली व्यक्ति किसी भी नौक़री में खुद को संतुष्ट नहीं पा पाता। कभी-कभी मुझे नौक़री के मामले में दुनिया का सबसे संतुष्ट व्यक्ति सिर्फ़ क्लर्क ग्रेड के कर्मचारी बंधु मात्र नज़र आते हैं। जो अपनी नौक़री जैसे-तैसे कर-धरके, किसी कोने में तंबाकू मलते बैठे रहते हैं। बाकी, हर पेशे में मैंने प्रतिभाशाली लोगों के भीतर अस्थिरता व असंतुष्टि ही दबी हुई पाया…