
करनाल के उद्यमी संजय सिंह वैसे तो बीजेपी के कट्टर समर्थक हैं पर जब बिजली विभाग के एक अधिकारी ने रिश्वत न मिलने पर उन्हें परेशान करने का सिलसिला शुरू किया तो कोई भी भाजपा वाला उनके पक्ष में न खड़ा हुआ.
50 हजार रुपए रिश्वत न दिए जाने के कारण एसडीओ ने बिजली चोरी का आरोप लगा संजय जी की हैचरी की बिजली काट दी. एसडीओ ने 12 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा दिया.
संजय सिंह जुर्माने से कम परेशान हुए, चोरी के आरोप से ज्यादा व्यथित नजर आए. अंडे से मुर्गी के बच्चे बनने की प्रक्रिया के लिए बहुत सारी हेवी बिजली खाने वाली एडवांस मशीनें हैचरी में हैं जिन्हें एक पल के लिए भी बिना बिजली आपूर्ति के नहीं रखा जा सकता. बिजली काटे जाने के बाद वे लगातार जनरेटर चलाकर बिजली आपूर्ति हैचरी में करते रहे.
इस दरम्यान संजय सिंह बीजेपी के छोटे बड़े सभी नेताओं, मंत्रियों, अफसरों से मिल जाए. सारा प्रकरण सुनकर और सारे कागजात देखकर सभी कहते हैं कि आपके साथ गलत हुआ है, एसडीओ ने हरामीपना किया है, लेकिन संजय को न्याय कोई नहीं दिला पाया.
संजय ने खुद ही संघर्ष करने का ऐलान किया और न्याय पाने के जितने रास्ते तरीके हो सकते हैं, सबका दरवाजा खटखटाया.
कहते हैं न कि देर है पर अंधेर नहीं. वही हुआ. ठाकुर संजय सिंह आज मूंछों पर ताव देकर कहते हैं कि एसडीओ उन्हें चोर कह रहा था लेकिन जांच से साबित हो गया कि चोर कौन है.
जी हां. विभागीय जांच में एसडीओ दोषी पाया गया है. देखें जांच की कॉपी के कुछ स्क्रीनशॉट-


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