मिलिंद खांडेकर-
वॉरेन बफे हर साल अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के शेयर होल्डर को चिट्ठी लिखते हैं. पूरी दुनिया में शेयर बाज़ार में निवेश करने वालों को इसका इंतज़ार रहता है. इस चिट्ठी में कंपनी के कारोबार का लेखा जोखा तो होता ही है, इसके अलावा वो कुछ मंत्र देते हैं, कुछ टिप्पणी करते है जिससे सब लोग कुछ सीख सकते हैं. इस बार हिसाब किताब वॉरेन बफे की चिट्ठी . उन्होंने पिछले महीने चिट्ठी लिखी है.
वॉरेन बफे कहते हैं कि पैसे कमाने का शेयर बाज़ार से बेहतर तरीक़ा कोई नहीं है. उन्होंने क़रीब 30 साल पहले अपने दो इन्वेस्टमेंट का हवाला दिया है.
कोका कोला में 1994 में 130 करोड़ डॉलर लगाए थे. आज उनकी क़ीमत 2500 करोड़ डॉलर है. हर साल कंपनी डिवीडेंड देती है. पिछले साल क़रीब 70 करोड़ डॉलर तो डिवीडेंड में मिले यानी जितना पैसा लगाया था उसका आधा तो अब हर साल डिवीडेंड में मिल रहा है.
अमेरिकन एक्सप्रेस में 1995 में संयोग से 130 करोड़ डॉलर लगाए थे. आज उनकी क़ीमत 2200 करोड़ डॉलर है. पिछले साल 30 करोड़ डॉलर डिवीडेंड मिला सो अलग.
वॉरेन बफे लिखते हैं कि 130 करोड़ डॉलर वो अमेरिका के 30 साल के बॉन्ड में लगाते तो आज सालाना डिवीडेंड 8 करोड़ डॉलर मिलता. मूल धन जहां का तहां रहता.
ये उदाहरण देकर उन्होंने समझाया है कि समय के साथ काँटे चले जाते हैं और फूल खिलते रहते हैं.
अब सवाल है कि बफे शेयर कैसे चुनते हैं ? वो कहते हैं कि हम शेयर नहीं चुनते हैं. हम बिज़नेस में पैसे लगाते हैं. कहने का मतलब है कि वो ये देखते हैं कि ये कंपनी बिज़नेस कैसे करती है और क्या ये बिज़नेस लंबे समय तक टिक पाएगा? इस चिट्ठी में बफे ने अपने साथी चार्ली मंगर के मंत्र भी दिए हैं, आप पूरी चिट्ठी यहाँ पढ़ सकते हैं. काम के पाँच मंत्र यहाँ दे रहा हूँ
दुनिया मूर्ख सटोरियों से भरी हुई है. धैर्य रखने वाले निवेशक सटोरियों के मुक़ाबले बेहतर कमाई करेंगे.
धैर्य रखना सीखा जा सकता है. अपना Attention Span बढ़ाइए, एक समय एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित करें
हम बाज़ार की हवा देकर पैसे नहीं लगाते हैं. हम लाँग टर्म के हिसाब से कंपनी खोजते हैं और फिर उसे होल्ड करते हैं
बेन ग्राहम ने कहा था- शेयर बाज़ार रोज़मर्रा के कारोबार में वोटिंग मशीन की तरह है और लाँग टर्म में वजन करने की मशीन की तरह. इसका आशय है कि लंबे समय में दमदार कंपनी ही टिकेगी
आपको हर समय सिखना चाहिए . जब चीजें बदलती है तो आपको भी बदलना चाहिए. हम अमेरिका की रेल कंपनियों की अहमियत समझ नहीं पाएँ थे . देर से समझे तो उसमें पैसे लगाए.
बफे की चिट्ठी सिर्फ़ शेयर बाज़ार ही नहीं ज़िंदगी के बारे में भी दो बातें बता जाती है. आपको शेयर बाज़ार से डर लगता है तो म्यूचुअल फंड से शुरू कीजिए. फंड आपकी तरफ़ से शेयरों में पैसा लगाते हैं. महंगाई के कारण लंबे समय में बैंक के खाते में रखे पैसे की क़ीमत घटती जाएगी , हमने देखा कि कोकाकोला के शेयरों के मुक़ाबले सरकारी बॉन्ड में पैसे लगाने का नफ़ा नुक़सान क्या है?