{jcomments off}नगर पालिका की जमीन कब्जाने के खिलाफ खबर लिखने और उसके भड़ास4मीडिया पर कमेंट करने पर लोकसभा टीवी के पत्रकार अनुराग दिक्षित ने साजिश कर मुझे नौकरी से निकलवा दिया है। अनुराग के हिंदुस्तान अख़बार के प्रधान संपादक शशि शेखर से अच्छे सम्बन्ध हैं। इन संबंधों का अनुराग नाजायज फायदा उठाता है। अनुराग चाहता है कि हम उसकी चिलम भरें और उसकी चमचा गिरी करें।
इस तरह अपने कारोबार में लोकसभा टीवी को भुना रहा अनुराग
महोदय, अनुराग के पिता ने विवेकानद समिति के नाम पर नगर पालिका की काफी जमीन कब्ज़ा ली है। इस पर नगर पालिका के सभासदों ने प्रस्ताव लाकर समिति को नोटिस जारी करा दिया। इस पूरी प्रक्रिया पर मेरे द्वारा ब्यूरो चीफ के निर्देश पर दो खबर लिखी गयी। खबर लिखने के दौरान मेरे द्वारा अनुराग के पिता का वर्जन लिया गया तो मुझ पर खबर नहीं लिखने का दबाव बनाया गया लेकिन अपने ब्यूरो चीफ के निर्देश पर मैंने सच पर आधारित खबर लिख दी।
महोदय, इसी दौरान भड़ास पर अनुराग के खिलाफ खबर चली। इस खबर पर मेरे नाम से कमेंट किये गए। इसके बाद अनुराग ने मुझे फ़ोन और वाट्स अप्प पर मेसेज करके इनका खंडन करने का दबाव बनाया लेकिन मैंने खंडन करने से मन कर दिया। इसके बाद अनुराग द्वारा मेरे खिलाफ साजिश रची गयी। अनुराग द्वारा अपने एक शागिर्द और एक फर्जी पत्रकार के जरिये मेरी फर्जी शिकायत सीधे शशि शेखर से करायी गयी। उक्त फर्जी पत्रकार को शशि शेखर का नम्बर दिया गया और उसने एक फर्जी ऑडियो रिकॉर्डिंग (जिसमे मुझे गाली गलौज करते हुए दिखाया गया है ) को सीधे शशि शेखर के मोबाइल पर वाट्स अप्प कर दिया गया, जिसके बाद शशि शेखर ने बिना मुझसे स्पष्टीकरण लिए अनुराग के गुमराह करने पर एकतरफ़ा कार्रवाई कर दी। मेरे से पहले अनुराग ने शशि शेखर को गुमराह करके हिंदुस्तान के स्ट्रिंगर विनय अग्रवाल को नौकरी से निकलवा दिया था।
महोदय , या तो मुझे अनुराग की चमचागिरी और तलवे चाटकर पत्रकारिता करनी होगी या पत्रकारिका छोड़नी होगी। अब आप ही बताइए कि ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए। मेरे ऊपर लगाये गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। इसके पर्याप्त सबूत भी मेरे पास हैं लेकिन मेरी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही। अनुराग लोकसभी टीवी के पैनल में शशि शेखर को बुलाता है, जिसका वह दुरुपयोग कर रहा है.
महोदय, हिंदुस्तान समाचार पत्र से मेरी आत्मा जुड़ी हुई है। अमर उजाला और दैनिक जागरण के लगातार ऑफर के बावजूद मैंने हिंदुस्तान का दामन नहीं छोड़ा। मेरे ब्यूरो चीफ इसके गवाह हैं। मेरी बीवी के गर्भ में बच्चा खत्म होने के बावजूद मैंने संस्थान का कार्य प्रभावित नहीं होने दिया। समय होने पर मैं हॉस्पिटल से आकर अपना काम करता रहा। श्री गणेश मेहता इसके गवाह हैं। मेरा एक्सीडेंट होने पर मेरा एक हाथ टूट गया, लेकिन इसके बावजूद मैं एक्सीडेंट के अगले ही दिन ऑफिस आ गया और लगातार एक ही हाथ से काम करता रहा। श्री गणेश मेहता इसके गवाह हैं।
कम मानदेय के बावजूद कभी भी अपनी कलम को गिरवी नहीं रखा। हमेशा अपनी कलम से आपने काम सभी के सामने रखा। आदरणीय संपादक जी इसके गवाह हैं। बुलंदशहर एक्सईएन यतेन्द्र गर्ग द्वारा गंगानगर बिजलीघर में किया गया फर्जीवाड़ा उजागर किया। एक्सईएन द्वारा मुझे धमकी दी गयी कि संपादक सूर्यकांत द्विवेदी उसके बहनोई लगते हैं और वह उसे नौकरी से निकलवा देंगे लेकिन इसके बावजूद मैंने एक्सईएन द्वारा किया गया फर्जीवाड़ा जनता के सामने रखा। नतीजा यह हुआ कि शासन स्तर से एक्सईएन को सम्बद्ध करके करीब पांच लाख रुपए की रिकवरी की गयी।
बिल डिलीट के फर्जीवाड़ों को मैंने लगातार अपनी कलम से जनता के सामने रखा। नतीजा विजिलेंस और एसटीएफ की जांच हुई और करोङो का फर्जीवाड़ा सामने आया। स्याना फीडर घोटाले और जीनई सिरोरा फीडर घोटाले में एफआईआर दर्ज की गयी। मामले में पावर कारपोरेशन के कई अधिकारी फंसे और चार्ज शीट दाखिल हुई। महोदय में अपने ऊपर लगाये गए सभी आरोपों का स्पष्टीकरण देना चाहता हूँ। मेरा आपसे अनुरोध है कि बेशक आप अपना फैसला कायम रखें लेकिन मेरा पक्ष भी जानने की कोशिश करें।
आपका, प्रदुम्न कौशिक, बुलंदशहर, फोन संपर्क – 9997183478
rohit Agarwal
May 29, 2015 at 9:25 am
इस अनुराग को मीडिया में रहने का कोई हक नहीं
भारत गोयल
May 29, 2015 at 9:33 am
अनुराग और उसके परिजन अवैध तरीके से लोगों से वसूली कर रहे हैं। इनहे जहांगीराबाद से निकाल देना चाहिए
अमित गोयल
May 29, 2015 at 12:19 pm
भाइयो अनुराग दीक्षित और उसका बड़ा भाई सुनील दीक्षित मीडिया के नाम पर कलंक है मुझे भी अपने झासे मे लेकर गलत तरिके से मेरा युज किया तथा ना करने पर पुलिस की धमकी भी दी ये दोनो भाई चैनल का दुरूपयोग करते है
हेमन्त कौशिक
May 29, 2015 at 2:42 pm
अनुराग ने तो नालायकी की हद ही कर दी। प्रदुमन कौशिक की नौकरी खाकर इसे कया हासिल हुआ। अनुराग तो अपने बाप और भाई से जयादा नालायक है। इन तीनों बाप बेटों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए।
नगेंद्र रावल
May 30, 2015 at 7:15 am
अनुराग को घमंड हो गया है कि वह बहुत बड़ा पत्रकार है। किसी को झूठे आरोपों में फंसाकर इस प्रकार नौकरी से निकलवाना पूरी तरह गलत है। अनुराग को माफी मांगनी चाहिए। ये अनुराग की नालायकी है।
कृष्णकांत शर्मा
May 30, 2015 at 10:03 am
अनुराग दिक्षित और उसका भाई और बाप तीनो लोकसभा चैनल के नाम पर अवैध वसूली करते है तथा मानव कल्याण समिति के अध्यक्ष बन कर लोगो से ठगी करते है इन तीनो का अब पर्दाफाश हो चुका है सुनील और अनुराग चैनल और समिति के नाम पर अवैध वसूली करते है तथा दोनो भाई चैनल का खौफ दिखा कर नगर के गणमान्य लोगो से पैसा एकता है चैनल के मालिको से निवेदन है कि अगर मामले की जांच कराई जाएगी तो सचाई खुद व खुद सामने आ जायेगी
मनोज ओझा
May 30, 2015 at 10:13 am
अनुराग और सुनील कोई भगवान नही है जो किसी की नोकरी छुडाने की धमकी दे ते है मानते है कि अनुराग दीक्षित एक चैनल मे एंकर है और उसके समबन्ध बड़े पत्रकारो से भी है तो इसका मतलब यह नही है कि छोटे पत्रकारो को डराये गा और नौकरी से निकल बायेगा अनुराग किसी नौकरी लेने से पहले अपनी रखा कही फिर नौकरी के लाले नही पड़ जाये
Rohit
May 30, 2015 at 10:41 am
पूरा कस्बा जानता है कि सुनील दीक्षित ने अपने अखबार से कस्बे में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है। पत्रकारिता की आड़ में कई लोगों की चल रही दलाली की दुकान बंद करवाने का प्रयास किया इसीलिए उन्हें और उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है।
Rohit
May 30, 2015 at 10:44 am
सुनील दीक्षित तो अपना खुद का अखबार निकालते हैं! उनके भाई देश के प्रतिष्ठित पत्रकार हैं। कस्बे के गौरव हैं। उनसे जलकर अब कस्बे के कुछ दलाल उनके परिवार को जानबूझकर निशाना बना रहे हैं! प्रताडि़त कर रहे हैं!
Rohit
May 30, 2015 at 10:51 am
बेहतर हो कि भड़ास अपनी एक टीम कस्बे में भेजकर जमीनी हकीकत समझे। ना सिर्फ इन छुटभैया दलालों की पोल खुलेगी बल्कि श्री दीक्षित पर लग रहे झूठे आरोपों की भी हकीकत सामने आएगी।
Monu
May 30, 2015 at 11:16 am
दरअसल कुछ दिन पहले हाईडिल के जेई के मोबाइल फोन से एक व्यक्ति ने एक पत्रकार से गाली गलौंच की थी। धमकाया था। जांच में पता चला कि फोन पर धमकाने वाला प्रद्युम्न ही था। इसे लेकर पुलिस में शिकायत भी हुई थी और स्थानीय अखबार में भी छपा था। शायद इसी वजह से शशिशेखर जी ने प्रद्युम्न को निकाला होगा। दीक्षित जी का इसमें कोई लेना देना नहीं, लेकिन कस्बे के एक-दो दलाल उन्हें बेवजह बदनाम कर रहे हैं।
Monu
May 30, 2015 at 11:20 am
पहले भी शशि शेखर जी ने जिस स्टिंगर को निकाला था वो पत्रकार के साथ-साथ एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ था और सभासद भी था। उसकी निष्पक्षता संदेह के घेरे में थी।
Monu
May 30, 2015 at 11:36 am
भड़ास पता करे कि जिन व्यक्तियों के नाम से अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है। वो कमेंट उन्हीं लोगों ने किए भी हैं या किसी एक भ्रष्ट दलाल ने ही उन सबके नामों का गलत तरह से इस्तेमाल किया है। अगर दुप्रयोग हुआ है तो उसके खिलाफ भड़ास को उचित कार्यवाई करनी चाहिए।
Mintoo panday
May 30, 2015 at 12:46 pm
Anurag or uske baap ne yah bahut galat kaam kiya ha.. Inhe jahangirabad se bahar nikal Dena chahiye…. Ye tino baap bete froud or cheetar hai…. Mintu paandey
Ajay kaushik
May 30, 2015 at 12:50 pm
लोकसभा टीवी चैनल का एंकर अनुराग दीक्षित कर रहा है फर्जी तरीके से पीएचडी
नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सटी से संसद में पत्रकारिता विषय पर फर्जी तरीके से पीएचडी कर रहा है।विश्वविधालय अनुदान आयोग का नियम है कि शोधार्थी शोध करते समय कोई भी और काम जैसे पढाई और नौकरी नहीं कर सकता।लेकिन अनुराग दीक्षित लोकसभा टीवी चैनल का दुरूपयोग करते हुए शोध के साथ नौकरी भी कर रहा है।यह आयोग के नियम के विरुद्ध है।लोकसभा टीवी चैनल के प्रबंधन और नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सटी को मामले का संज्ञान लेकर अनुराग दीक्षित के खिलाफ धोखा धडी की कार्यवाही करनी चाहिए।
monu
May 30, 2015 at 1:07 pm
कौशिक जी, कोई भी नौकरी करते हुए भी पीएचडी कर सकते हैं! ये कोई अपराध नहीं है।
monu
May 30, 2015 at 1:12 pm
Jahan tak mujhe pataa hai jahangirabad ke mintu pandey ko internet Ka istemaal tak karna nahi aata fir uske naam se yaahn jhunte comment shayad wo dalal hi Kar raha hai.
monu
May 30, 2015 at 1:16 pm
कौशिक जी, लगता है ये कमेंट आपने नहीं बल्कि आपके नाम पर उस दलाल ने ही किया है क्योंकि आप तो नियम जानते हैं।
Manoj Sastri
May 30, 2015 at 2:09 pm
यशवंत जी विनय अग्रवाल तो निर्दलीय सभासद का चुनाव अपने दम पर जीते हैं।विनय को राजनैतिक कहने वालों से पूछो कि अनुराग के बडे भाई पाक्षिक अखबार चरित्र दर्पण के संपादक एस के दीक्षित अपने यहां हुये कार्यक्रम में किसी विधायक के माईक पर जिन्दाबाद के नारे लगा कर सही कर रहे हैं।अनुराग भी समय समय पर अपने यहां हुए कार्यक्रमों में विभिन्न पार्टियों के नेताओं की चापलूसी क्यों करते हैं।Manoj Sastri
monu
May 30, 2015 at 2:35 pm
मनोज जी लगता नहीं ये कमेंट आपने किया है क्योंकि आप बखूबी जानते हैं कि विनय जी बसपा के नामित सभासद थे। लगता है सच छुपाने के लिए आपके नाम से भी कोई भ्रष्ट ही कमेंट करके गलत जानकारी दे रहा है!
monu
May 30, 2015 at 2:39 pm
भ्रष्ट दलाल दूसरे सम्मानित लोगों के नाम से गलत कमेंट करना बंद करो।
शर्म करो शर्म!
monu
May 30, 2015 at 2:45 pm
चरित्र दर्पण में बेबाक खबरें छाप छाप कर दीक्षित जी ने दलालोन और भ्रष्टों की दुकान बंद कर दी है। ये सब उसी की झुंझलाहट है!
monu
May 30, 2015 at 2:49 pm
प्रिय यशवंत जी, भड़ास को सुनील दीक्षित का पक्ष भी जानना चाहिए। कैसे वो इन भ्रष्ट राक्षसों का सामना करते हुए निर्भीक पत्रकारिता कर रहे हैं!
परवेज आलम
May 30, 2015 at 4:37 pm
ये तीनों बाप बेटे एक नंबर के धोखेबाज हैं। तीनों को जहांगीराबाद से बाहर निकाल देना चाहिए। ये सारे किसी के भी सगे नहीं है। तीनों फ्राॅड हैं।
अशोक गिरी
May 30, 2015 at 4:44 pm
तीनों बाप बेटों ने नालायकी की हद कर दी। सालों के मुहं पर थूकने का मन करता है। किसी को नौकरी से निकालने से इन तीनों बाप बेटों को कया फायदा हुआ। तीनों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए।
monu
May 30, 2015 at 4:48 pm
हाँ यशवंत जी ये अपराध तो किया है इन तीनों ने कि दलालों की पोल खोलकर रख दी। तभी कुछ भ्रष्ट लोग इस संभ्रांत परिवार के पीछे पड़े हैं। हैरानी की बात है कि दूसरों के नाम से गलत पोस्ट करने वाला वो दलाल अभी तक खुद सामने नहीं आ रहा है।
monu
May 30, 2015 at 4:50 pm
सामाजिक बहिष्कार तो उनका होना चाहिए जो भ्रष्टाचार से दलाली से और पद का दुर्प्रयोग करके समाज को खोकला कर रहे हैं। सुनील जी ने तो इन सबको नंगा किया है। उन्हें तो सम्मानित किया जाना चाहिए।
monu
May 30, 2015 at 4:57 pm
जो दलाल दीक्षित जी के परिवार को अपमानित करने का दुस्साहस कर रहे हैं, उन्हें कस्बे में चौराहे पर नंगा करना चाहिए। वो शहर में रहने के हकदार नहीं। इनके बाप दादाओं तक ने भी कस्बे के लिए कुछ नहीं किया। इनकी औकात तक नहीं कि दीक्षित जी के बारे में कुछ कहें।
आदेश शर्मा
May 30, 2015 at 5:19 pm
अनुराग और सुनील तो बहुत नालायक हैं। ये तीनों अपने परिवार के सगे नहीं हुए। तीनों को जहांगीराबाद से निकाल देना चाहिए।
monu
May 30, 2015 at 5:24 pm
निकलना उन गद्दारों को निकलना चाहिए जो कसबे को लूटने में लगे हैं। कसबे के हर निर्माण में, ठेके में दलाली खा रहे हैं। श्री दीक्षित ने तो उन गद्दारों को सबके सामने नंगा किया है।
रोहित अग्रवाल
May 30, 2015 at 5:44 pm
मोनू जी सही कह रहे हैं। दीक्षित जी ने कस्बे के हित में नेक काम किया है। कुछ गंदे दलाल उनके पीछे पड़े हैं।
सौरभ
May 31, 2015 at 2:44 am
अनुराग और सुनील सभी का बुरा करने में लगे हुए हैं। एक दिन ऐसा न हो कि कोई इनका भी बहुत बुरा कर दे। तब इनकी कोई मदद भी नहीं करेगा।
पवन कुमार
May 31, 2015 at 3:01 am
आपको बताते हैं कि जहांगीराबाद में मानव कल्याण समिति द्वारा मौहल्ला रोगनग्रान में स्थित स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा के आगे नगरपालिका की भूमि पर इस समिति के पदाधिकारियों साहित्य केन्द्र के नाम अवैध कब्जा कर पत्रकारिता की आड़ में पालिका ग्रहकर रजिस्ट्रर में भी गलत तरीके से समिति व संस्थापक,संचालक का नाम दर्ज करा दिया।इस बारे में पालिका बोर्ड द्वारा सर्वसम्मति से किए प्रस्ताव को गलत बताकर अधिकारियों को गुमराह करने के लिए समिति संचालक के पुत्र व लोकसभा टीवी एंकर ने किस प्रकार स्थानीय नए पत्रकारों को दिल्ली में बैठे बैठे व्हाटसअप पर मैसेज भेज कर उनके समाचार पत्रों में मनमाफिक समाचार छपवाकर, उनकी कोटिंग शिकायतों में लगवाकर मामले को उलझाने का प्रयास किया है।साथ ही सोशल मीडिया पर इस मामले में समिति पदाधिकारियों की चहुंओर हो रही निंदा से बचने के लिए भी उसी एंकर ने व्हाटसअप पर मैसेज कर भेजकर नए पत्रकारों द्वारा चलवाऐ।जिसका मैंने पूर्व में आप लोगों से जिक्र किया था।अब असलियत पता चलने पर इन नए पत्रकारों को अपने किए पर पछतावा हो रहा है।क्योंकि समिति पदाधिकारियों, पाक्षिक अखबार के संपादक और एंकर के द्वारा कराए गए कृत्य से वह पूरी तरह वाफिक हो चले हैं।आपको टीवी एंकर द्वारा भेजी गई कुछ व्हाटसअप स्क्रीन फोटो साथ में भेजी जा रही हैं।हकीकत आप स्वयं ही देख लें।
सुलतान अंसारी
May 31, 2015 at 3:03 am
यशवंत जी तीनों बाप बेटों की सच्चाई सारे जहांगीराबाद के लोग जान चुके हैं।संवाद कार्यक्रमों के नाम पर अवैध वसूली करने के साथ साथ अधिकारियों को कुछ भोली भाली जनता और जनता को अधिकारियों से संबंध दिखाकर झूठा भ्रम फैलाया जा रहा है।बडा भाई सुनील आरटीआई को हथियार बनाकर कालोनी बनाने वालों से किस प्रकार प्लाट और धन की वसूली कर रहा है सब जान चुके हैं।
नितिन कौशिक
May 31, 2015 at 3:06 am
यशवंत जी आपको पूर्व में भी प्रमाण सहित अवगत कराया जा चुका है कि किस प्रकार अनुराग ने अपने खिलाफ भडास पर मैसेज भेजने वालों को व्हाटसअप कर अपने पक्ष में खंडन करने के लिए दबाव बनाया था।अब इसके पिता व भाई जहांगीराबाद में इनकी हकीकत से वाफिक होने पर इनसे किनारा करने वालों और व्हाटसअप पर आपको इनकी हकीकत बताने वालों पर खंडन करने का दबाव बनाते घूम रहे हैं।
monu
May 31, 2015 at 3:09 am
सुल्तान भाई आप कबसे इन दलालों के चम्चे बन गये। आप तो सपा के नेता हैं। वही बने रहिये। खां में खां इन दलालों के चक्कर में पड़कर क्यूँ दुक्षित जी को बदनाम कर रहे हैं?
ऐसा तो नहीं कि आपके नाम से भी वही दल्ला कमेंट कर रहा है?
नागेंद्र रावल
May 31, 2015 at 3:12 am
भाईयों आपको बताना चाहता हूं कि अगर अनुराग व इसके पिता भाई सबकुछ ठीक कर रहे थे।तो विनय जी द्वारा इनके काले कारनामों की शिकायत करने के बाद यह लोग फैसला कराने के लिए बुलन्दशहर के सांसद जहांगीराबाद के प्रतिष्ठित डाक्टरों वकीलों चेयरमैन सोनू पाठक जी विकास अन्य प्रतिष्ठित लोगों के यहां क्यों गए थे।इनके काले कारनामों की हकीकत जहांगीराबाद के लोगों के सामने आने के बाद से संवाद चार कराने के आज तक शर्म का मारा अनुराग जहांगीराबाद आने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है।
monu
May 31, 2015 at 3:14 am
दीक्षित जी कोई दाउद इब्राहिम हैं क्या नितिन जी जो आप लोग दीक्षित जी के परिवार के दबाव में आ जायेंगे?
दबाव याद करना है तो याद कीजिये कैसे एक खबर छापने पर जहांगीराबाद के एक सपा नेता ने आपको बेभाव पीटा था और दबाव बनाया था। उसे कहते हैं आतंक! आप तो खुद भुगते हुए हैं। है ना?
monu
May 31, 2015 at 3:17 am
हाहाहा नागेन्द्र भाई, लगता है इस दल्ले को पता नहीं है। अनुराग जी तो संवाद के बाद कई बार जहांगीराबाद आ चुके हैं। एक बार तो मेरे घर भी आये हैं।
प्रदीप दीछित
May 31, 2015 at 3:26 am
यशवंत जी इन तीनों बाप बेटों की हकीकत तो मैं बताऊँगा।यह मेरे खानदानी है।मेरे पिता एक्स एमएलए रहे हैं।अनुराग ने मेरे पिता के नाम प्रयोग कर अपने शस्त्र लाइसेंस बनवाये थे।इसका बडा भाई सुनील मुझे साथ लेकर बीजेपी के कई नेताओं से मेरे पिता जी का नाम लेकर साहित्य केन्द्र के नाम पर चंदा ला चुका है।जब मैंने इसका विरोध किया तो मुझे ही धमकी देने लगा।इस पूरी अवैध वसूली में अनुराग इसका साथ देता है।पूरे परिवार में तीनों बाप बेटे किसी के सगे नहीं है।मुझे अगर कहीं मौका मिलेगा तो मैं इनकी और कारगुजारी बताउंगा।इन तीनों से जहांगीराबाद के लोग त्रस्त हैं।इसकी किसी से भी जांच करा ली जाए।हकीकत सामने आ जायेगी। 9012831072 आप मुझे फोन करके सच पूछ सकते हैं
हरिओम शर्मा
May 31, 2015 at 3:37 am
संपादक जी अनुराग और इसके बडे भाई सुनील ही दलाल हैं।अखबार में खबर छापकर दूसरों की दलाली बंद करने का दावा करने वालो की दलाली स्वंय बंद हो चुकी है।दो माह से अधिक बीत जाने के बाद इनका अखबार क्यों नहीं छपा।पोलीटेक्निक कर्मचारी को अपने घर बुलाकर उसे पीटकर फर्जी रिपोर्ट के बाद उससे फैसला करने का समाचार व फोटो प्रकाशित करने वाले संपादक अपने काले कारनामों को भी अपने समाचार पत्र में छापे।छापे अपने द्वारा मंडी के गेट पर बनाई गई अवैध दुकानों के निर्माण,छापे स्वामी विवेकानंद प्रतिमा के आगे साहित्य केन्द्र के नाम पर अवैध कब्जा करने की,छापे सरकारी कार्यालयों से विज्ञापनों का फर्जी बिल निकालने की,छापे डीजल पेटी की दुकान पर अवैध पेट्रोल बेचने की
monu
May 31, 2015 at 3:39 am
प्रदीप दीक्षित के नाम से वो एक दल्ला ही कमेंट कर रहा है। प्रदीप दीक्षित तो उनके अंकल है। अबे दल्ले उन भाजपा नेता के नाम भी तो बता। दीक्षित जी को बदनाम करने वाला वो दल्ला ही कमीशन से अपनी कमाई कर रहा है।
संजू बंसल
May 31, 2015 at 3:42 am
संपादक जी अनुराग दीक्षित उर्फ कथित मोनू सच्चाई को छिपाने का प्रयास कर रहा है।इसके बडे भाई सुनील दीक्षित को सपा विधायक की माईक पर जिन्दाबाद करते रचित केवल नेटवर्क पर जहांगीराबाद, अनूपशहर, औरंगाबाद समेत अन्य कस्बों के लोगों ने कई बार देखा है।क्या यह भी झूठ है दलाल बताऐ।
monu
May 31, 2015 at 3:45 am
अबे दल्ले मैं मोनू ही हूँ। और अभी ऐसे और कई मोनू हैं जो तुम्हारी काली कमाई को सबके सामने रखकर तुम्हे नंगा करेंगे। तुमहरे खिलाफ सीबीआई जाँच होनी चाहिए। चिंता मत करो ईश्वर सब सच्चई सामने लायेगा।
pramod
May 31, 2015 at 3:48 am
सही कहा मोनू भाई। इन दल्लों के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। दीक्षित जी ने इन सबको नंगा कर दिया है।
pramod
May 31, 2015 at 3:50 am
सूना है सपा विधायक मुकेश पंडित जी के कहने पर मुख्यमंत्री इन दल्लों के खिलाफ जांच बिठा रहे हैं।
विनय कुमार
May 31, 2015 at 4:12 am
संपादक जी मैंने पूर्व में अनुराग दीक्षित की शिकायत कर आपसे खबर चलवाई थी।आपने अनुराग के बहकावे में आकर मेरे खिलाफ तथ्यहीन खबर चलाई थी।अनुराग ने मुझे पेट्रोल पंप में साझेदार बताया था।पम्प निरस्त होने की खुन्नस में अपनी शिकायत की बात की थी।इसके अलावा काली कमाई के आरोप में मुझे हिन्दुस्तान अखबार के स्ट्रिंगर पद से हटाने की झूठी सूचना भी आपको दी थी।उस समय आपके द्वारा खबर बदलने पर मैने आपको बताया था कि पेट्रोल पंप में साझेदार होने की मेरी हैसियत ही नहीं है।चाहे इसकी जांच करा ली जाए।मैने आपको बताया था कि में पिछले आठ साल से हिन्दुस्तान अखबार में ही काम कर रहा हूं।मैने तभी आप से अनुराग से काली कमाई संबंधी कागजात लेने की अपील की थी।इसी संदर्भ में आगे भी आपको बताना चाहता हूं कि मैने पैट्रोल पंप की शिकायत संबधी समाचार अनुराग के बडे के कहने पर प्रकाशित किया था।साथ ही इन दोनों भाइयों की शिकायत पर उक्त पेट्रोल पंप के निरस्त होने का समाचार भी छापा था।सोसोचने का विषय है यदि में पंप में साझेदार होता तो इनके कहने से अपने ही खिलाफ समाचार छापता।आपसे एक निवेदन पुनः कर रहा हूं कि आपने अनुराग के कहने में आकर काली कमाई के आरोप में स्ट्रिंगर पद से हटाए जाने की खबर चलाई थी।अनुराग दीक्षित से हिन्दुस्तान दारा मुझे कोई भी नोटिस या आरोप पत्र की अवश्य लेने का प्रयास करे।और यदि संभव हो सके तो उसे मुझे भी उपलब्ध कराने का प्रयास करें।मैं आपको पूर्व में भी अवगत करा चुका हूं कि मैं तो अनुराग से कोर्ट के माध्यम से ऐसा कोई आरोप पत्र लेने का प्रयास कऊंगा ही।क्योंकि अनुराग की इस झूठी सूचना से मेरी काफी बदनामी हुई है।
monu
May 31, 2015 at 4:33 am
विनय जी तो आप कह रहे हैं कि आप अभी भी जहांगीराबाद में हिन्दुस्तान के स्ट्रिंगर हैं?
Chanderbhan dixit
May 31, 2015 at 7:07 am
Ye theeno hi kamminey hai..mein iss baat ka gavha hu jis din se ye jhgda chala hai inn theno baap beto mein hi jang chid gyi hai baap sonu se khata hai ki teri dalali ki wajha se mere anuraag per bhi galt aarop lag rhey hai .mein jata jarur hu mager ye theeno hi kaminey hai or pariwar ka koi bhi aadami inke yha nhi jata.