शोभा राजपूत का निधन हो गया। वो न्यूज़ नेशन चैनल में कार्यरत थीं। शोभा की मृत्यु कैसे हुई, इसको लेकर दो अलग अलग कारण सामने आ रहे हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि न्यूज़ नेशन वाले ऑफिस आकर काम करने का दबाव बना रहे थे जबकि शोभा बीमार थीं और उनका इलाज चल रहा था। इसीलिए शोभा ने चैनल से इस्तीफा दे दिया था।
इन लोगों का कहना है कि शोभा को फीवर था। वो ठीक भी हो गई थी। पर दुबारा तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती हो गईं। वसुंधरा अस्पताल में नर्सों ने अलग अलग इंजेक्शन लगा दिए। इंजेक्शन के ओवरडोज़ के कारण उनकी मौत हो गई। शोभा की परेशानी की एक बड़ी वजह न्यूज़ नेशन चैनल के वे वरिष्ठ लोग हैं जो ऑफिस आकर काम करने लिए शोभा पर दबाव बना रहे थे और मानसिक रूप से टार्चर कर रहे थे।
एक पत्रकार का कहना है-‘मेरे सामने ही शोभा की डेथ हुई. कल रात से ही उनके साथ था. अभी 7:00 बजे उनके परिवार वालों को उसका पार्थिव शरीर हॉस्पिटल से भिजवाए जाने के बाद आया हूं. एक महीना पहले वह न्यूज़ नेशन से इस्तीफा दे चुकी थीं, तबीयत खराब होने के चलते क्योंकि उन पर दबाव बनाया जा रहा था ऑफिस आकर काम करने का।’
उधर दूसरा कारण बताया जा रहा है कि मलेरिया की गिरफ्त में आने के कारण उन्हें तेज बुखार था। ग़ाज़ियाबाद के एक निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया जिसके बाद शोभा की हालत बिगड़ने लगी।
इन लोगों का कहना है कि इंजेक्शन 3 घण्टे में धीरे धीरे चढ़ाया जाना था, पानी की बोतल में डालकर ड्रिप के जरिए। पर डॉक्टर ने सिरिंज से एक ही बार में पूरा इंजेक्शन लगा दिया। इसी के चलते शोभा की हालत बिगड़ गई।
उन्हें अपोलो अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। अपोलो में भर्ती करते करते उनकी हालत काफी खराब हो गयी और वो कोमा में चली गईं। बाद में शोभा के निधन की खबर आई।
पत्रकार रेशू त्यागी ने शोभा की मृत्यु से मर्माहत होकर फेसबुक पर अपनी भावनाओं को कुछ यूं प्रकट किया है-
बुलाया था मगर जाने का नहीं था साहब… राहत इंदौरी जी के निधन के बाद शोभा तुमने यह लाइनें लिखी थी फिर इन्हें खुद पर क्यों लागू नहीं किया? क्यों चली गई यार! जैसे तुम गई हो ऐसे भी कोई दोस्तों को छोड़कर जाता है!
Rip Shobha Rajput!
शोभा के निधन की जानकारी मिलने के बाद न्यूज़ नेशन चैनल के कर्मी सदमे में है। उधर न्यूज़ नेशन प्रबंधन शोभा की मृत्यु के बाद अपने ऊपर आने वाले छींटों से बचने के लिए जरूरी कवायद करने में जुट गया है।
हरविन्द्र यादव
September 7, 2020 at 9:25 pm
खो दिया हमनें एक सिपाही , इन व्यवस्थाओ के अभाव से
सदमे में है क़लम , तुम याद बहुत आओगें
विजय सिंह
September 8, 2020 at 1:09 am
बहुत दुःखद।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को दुःख सहने की शक्ति।
गलत इंजेक्शन लगाने वाले डॉक्टर ,नर्स और अस्पताल पर कार्यवाई होनी चाहिए।
बीमारी में कोई कार्यालय आकर कैसे काम कर सकता है ,न्यूज़ नेशन प्रबंधन को सोचना चाहिए इस पर।
कोई भी काम किसी के जीवन सुरक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं।
आप धापी में संस्थान मानवता नहीं भूलें।