आखिरकार मिल ही गया आशियाना. बुजुर्ग पत्रकार श्रीकांत तिवारी के जिस मकान को दबंगों ने कब्जा लिया था, उसे फिर से हासिल कर पाने में वरिष्ठ पत्रकार कामयाब हो गए हैं.
अपने मकान पर कब्जा मिलने से खुश श्रीकांत तिवारी ने बातचीत में कहा कि वे बनारस के सभी पत्रकार साथियों, पुलिस प्रशासन के संवेदनशील लोगों और भड़ास की टीम को धन्यवाद कहेंगे जिनके प्रयासों से संघर्ष अंजाम तक पहुंच सका और मकान वापस मिल गया.
बुजुर्ग पत्रकार श्रीकांत तिवारी ने जान के खतरे की आशंका जताई है. उनके घर के सामान पर दंबगों ने हाथ साफ कर दिया है. काफी कुछ गायब कर दिया है.
देखें सुनें श्रीकांत तिवारी का वक्तव्य-
बनारस से भास्कर गुहा नियोगी की रिपोर्ट.
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