पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार को कहा है कि वह भारतीय जनता पार्टी के नेता के खिलाफ आरोपों के हर पहलू की जाँच कर रहा है । एसआईटी के प्रमुख अधिकारी आईजी नवीन अरोड़ा ने कहा कि वे इस मामले में किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए “किसी व्यक्ति या मीडिया ट्रायल से प्रभावित” नहीं होंगे। आईजी नवीन अरोड़ा ने कहा कि 23 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाएगी। एसआईटी ने साफ कर दिया है कि जांच पूरी होने तक और पुख्ता सबूत होने के बाद ही इस मामले में गिरफ्तारी की जा सकती है।
नवीन अरोड़ा ने बताया है कि हम सभी संबंधित लोगों को अपने बयान दर्ज करने के लिए बुला रहे हैं।हम दस्तावेगी सबूतों सहित सभी साक्ष्यों को समेटने की कोशिश कर रहे हैं। हम हर एंगल से इस मामले की जांच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारी ओर से कोई कमी नहीं है। ‘एसआईटी प्रमुख ने जनता को जांचकर्ताओं को अधिक समय देने और जाँच टीम पर भरोसा करने के लिए कहा है । अगर जांच गलत दिशा में जा रही है, तो उच्च न्यायालय हमारी निगरानी करेगा। वे हमारे बयान लेने के लिए अधिकृत हैं। हमें खुद को साबित करने के लिए प्रमाण-पत्र सौंपने की जरूरत नहीं है।
आईजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि अभी तक इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। वह पूरे धैर्य के साथ हर पहलू पर गहनता से जांच कर रहे हैं। इस दौरान एसआईटी टीम ने मीडिया से सहयोग मांगा। कहा कि, मीडिया ट्रायल से डिफेंस मजबूत हो रहा है। इस मामले की मीडिया ट्रायल ना करें और एसआईटी को अपनी जांच करने दें। आईजी ने कहा कि, मीडिया ट्रायल को लेकर वह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत करेंगे।
इस बीच स्वामी चिन्मयानंद की बुधवार को अचानक तबियत ज्यादा खराब हो गई। उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उनके वकील व प्रवक्ता ओम सिंह ने बताया कि, मंगलवार को चिन्मयानंद की तबियत खराब हुई थी। डाक्टरों ने आवास पर आकर इलाज किया था। लेकिन बुधवार को फिर उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें सीने में तेज दर्द व घबराहट की शिकायत है।
स्वामी चिन्मयानंद पर लॉ कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद लॉ कॉलेज की छात्रा लापता हो गई थी। लॉ कॉलेज की छात्रा के लापता होने में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। साथ ही स्वामी चिन्मयानंद से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में पीड़िता और उसके दोस्तों का नाम सामने आया था। इस मामले में भी एक मुकदमा दर्ज है। एसआईटी दोनों ही मामले में गहनता से जांच कर रही है। एसआईटी का कहना है कि उनकी फॉरेंसिक टीम, लीगल एक्सपर्ट टीम, और जांच टीम पूरे मामले में गहनता से जांच कर रहे हैं,जिसकी रिपोर्ट वह हाईकोर्ट को सौंपेंगे।
दूसरी और स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के बाद उनकी जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए पूरे मामले में लापरवाही का आरोप लगाया है। पीड़िता ने कहा कि अगर सरकार इंतजार कर रही है कि वह खुद ही मर जाए तो वह मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा लेगी। पीड़िता ने बुधवार को कहा कि मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान होने के तीसरे दिन भी न तो बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज की गई है और न ही चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया गया है। उसने कहा कि ऐसे में सरकार अगर इंतजार कर रही है कि वह खुद मर जाए और उसके परिवार को कुछ हो जाए तो वह खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा लेगी। पीड़िता के पिता ने भी सवाल उठाया कि मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान होने के बाद भी चिन्मयानंद को गिरफ्तार न करना और उसके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज न करना कहां तक सही है। पिता ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दे रहा है।
स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए थे। इस मामले में पीड़िता के पिता की ओर से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया था, लेकिन इससे एक दिन पहले स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज करा दिया था।