लखनऊ से प्रकाशित दृष्टांत मैग्जीन के खिलाफ सतीश महाना के विरुद्ध खबर छापने पर सरकार ने एसआईटी जांच के आदेश दिए थे. गृह विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी कर एसआईटी को जांच करने का निर्देश दिया था. दृष्टांत के संपादक अनूप गुप्ता ने इसे सरकार की तरफ से उन्हें प्रताडि़त करने की कार्रवाई मानते हुए हाई कोर्ट लखनऊ के दो सदस्यीय बेंच में याचिका दायर की थी.
विकास कुंवर श्रीवास्तव एवं रीतू राज अवस्थी की दो सदस्यीय कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि एसआईटी के संदर्भ में 16 जून 2007 को जारी हुए जीओ में एसआईटी जांच की स्पष्ट व्याख्या की गई है. प्रार्थी के खिलाफ मौजूदा परिस्थितियों में एसआईटी जांच का कोई कारण नहीं बनता है. उन्होंने सरकार से एसआईटी जांच गठित करने के संदर्भ में जवाब मांगा है.
दृष्टांत की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सीबी पांडेय एवं सौरव यादव ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि दृष्टांत के खुलासे से नाराज प्रदेश सरकार के मंत्री सतीश महाना ने मानहानि का नोटिस भेजने की बजाय अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एसआईटी जांच के आदेश दिलवा दिये. इसमें उनके विभाग के प्रमुख सचिव एवं गृह विभाग समेत सात मलाईदार विभागों की जिम्मेदारी संभालने वाले अवनीश अवस्थी की महत्वपूर्ण भूमिका है.
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