नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त और स्वराज अभियान के संयोजक प्रो. आनंद कुमार ने कहा कि समाजवादी आंदोलन की भूमिका भारत की राजनीति में स्वतंत्रता से पूर्व और स्वतंत्रता के बाद बहुत महत्वपूर्ण है। समाजवादी विचारधारा ने भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को एक नई दिशा देने का काम किया है।
प्रो आनंद दिल्ली विश्वविदयालय के श्याम लाल कालेज के प्रो. अनिल ठाकुर की पुस्तक भारतीय समाजवादी आंदोलन के विमोचन पर मुख्य वक्ता के रुप में बोल रहे थे। गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित इस कार्यक्रम में आप के पूर्व नेता और स्वराज अभियान के अगुवा प्रो योगेंद्र यादव, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर, पत्रकार कुलदीप नैयर, कुर्बान अली, प्रो राजकुमार जैन, विजय प्रताप, सुनीलम, मंजू मोहन, सुरेंद्र कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।
प्रो. आनंद कुमार ने कहा कि अनिल ठाकुर की यह पुस्तक बहुत ही गंभीर सोच और कार्यो पर आधारित है। पुस्तक में 90 साल के समाजवादी आंदोलन को समझने का बेहतर ढंग से प्रयास किया गया है। राजेंद्र सच्चर ने कहा कि समाजवादी आंदोलन में कुछ कमियां तो रही हैं लेकिन समाजवाद एवं समाजवादी आंदोलन ने भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को बहुत कुछ देने का काम किया है। उसने सांप्रदायिकता के खिलाफ भी काम किया है। योगेंद्र यादव ने कहा कि समाजवाद एक पुरानी हवेली की तरह है, जिसके बारे में हमें बहुत ज्यादा मोह तो है लेकिन आज का जनरेशन उस हवेली में रहना पसंद नहीं करता है, इसलिए हमें उसी हवेली की तरह एक नई हवेली बनाने का काम करना चाहिए जिसमें नई जनरेशन के लोगों को समाजवाद से जोड़ा जा सके।
रघु ठाकुर ने कहा कि यह पुस्तक कई परतों को खोलती है। डा. लोहिया ने भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को एक नई दिशा देने का काम किया है। कुलदीप नैय्यर ने राममनोहर लोहिया के चिंतन का गुणगान करते हुए कहा कि 70 साल में समाजवाद के आधार पर जो काम होने चाहिए थे वह नहीं हुए। आज भी समाज में गैर बराबरी, शिक्षा का अभाव जैसे विभिन्न मुद्दों के बारे में कोई ठोस काम नहीं किया जा रहा। एक नई पार्टी का इस समय निर्माण हो, जिसमें इन सभी मुद्दों को ईमानदारी से लागू किया जा सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज कुमार जैन ने कहा कि वे योगेंद्र के इस मत से सहमत नहीं हैं। समाजवादी आंदोलन ने भारत को बहुत कुछ दिया है उसे हमें भूलना नहीं चाहिए।