अजय कुमार, लखनऊ
लखनऊ। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में 26 मार्च की रात ‘लापता सांसद’ के पोस्टर लगाए गए। रविवार की सुबह जब लोगों की नजर इन पोस्टरों पर पड़ी तो चर्चा शुरू हो गई। इन पोस्टरों में सोनिया गांधी के संकट की इस घड़ी में अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर होने पर सवाल उठाए गए। पोस्टर के शीर्षक में ‘चिट्ठी न कोई संदेश’ बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा नजर आ रहा है।
इतना ही नहीं पोस्टर में सबसे अमीर सांसदों में से एक कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा चुनाव क्षेत्र में कोई वित्तीय सहायता नहीं देने पर भी सवाल उठाया गया। पोस्टर में आगे लिखा है, ‘तुम्हारा हाथ, न जाने हमारा साथ,’ ‘सबसे बुरी भूल, तुमको किया कबूल’ भी लिखा नजर आ रहा था।
गौरतलब हो इस तरह के पोस्टर चिपकाए जाने से एक दिन 27 मार्च को ही सोनिया गांधी ने रायबरेली के जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कोरोनो वायरस का मुकाबला करने के लिए एमपीएलएडी योजना के तहत सभी निधियां देने का वादा किया था।
बहरहाल, इस पोस्टर में किसी का नाम नहीं है और प्रिंटर का नाम भी नहीं दिया गया है जो कि अनिवार्य होता है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना था कि इन पोस्टरों के सहारे कुछ लोगों ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की मानसिकता को दर्शाया है, जो इस संकट के समय का उपयोग राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं।
सोनिया गांधी हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र से जुड़ी रही हैं और दो दिन पहले ही उन्होंने कोरोना संकट के लिए अपना सारा फंड दे दिया। जनता सच्चाई जानती है और इस निम्न स्तर की राजनीति से गुमराह नहीं होगी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष पंकज कुमार ने पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और जिला प्रशासन से इस पर ध्यान देने को कहा है।