सट्टेबाजों का मददगार, सूदखोर और ब्लैकमेलर खुद को कहता है तथाकथित पत्रकार… आगरा में संजय कालिया, अंकुश, जेठा भाई, प्रवीण पटेल और संजय झाला जैसे कई सटोरियों के नाम पर जारी लिस्ट आगरा कप्तान के पास पहुंची तो कप्तान ने संजय कालिया को जेल भेज दिया और साथ मे अंकुश व रिंकू सरदार को फरार घोषित किया।
पुलिस की इस कार्यवाही के दौरान संजय कालिया के पास पुलिस कर्मियों और पत्रकारों को हर महीने दी जाने वाली रकम का ब्यौरा लिखी डायरी भी बरामद हुई। इस डायरी में सबसे प्रमुख नाम तथाकथित पत्रकारिता की आड़ में सूदख़ोरी का धंधा करने वाले पत्रकार का है। कुछ साल पहले ही आगरा आये दोपहिया वाहन से चलने वाले इस पत्रकार की माली हालत बेहद खस्ता थी। लेकिन सट्टा जगत के माहिर खिलाड़ी संजय कालिया से हाथ मिलाने के बाद उसने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पत्रकारिता छोड़कर सूदखोरी में जुटा यह पत्रकार शहर के लोगों से दोस्ती गांठकर ब्याज की मोटी कमाई करने लगा। छोटे छोटे कामों के लिए 5 सितारा होटलों में बैठना, कमरे बुक करना इस पत्रकार की दिनचर्या का हिस्सा बन गया। इस दौरान उसकी दोस्ती शहर के कुछ बदमाशों से भी हो गयी। इसकी आड़ में उसने व्यापारियों को धमकाने का काम भी शुरू कर दिया।
हत्या के प्रयास में जेल काट चुके इस पत्रकार के संबंध सट्टेबाज संजय कालिया के साथ साथ हिस्ट्रीशीटर शाहिद और सट्टेबाज जेठाभाई उर्फ जे डी समेत कई अपराधियों से जेल में रहने के दौरान हो गए। ब्याज की सूदख़ोरी में कुख्यात इस पत्रकार की दहशत से बड़े बड़े व्यापारी कांपते हैं।
दरअसल 20 से 25 फीसदी ब्याज लेने का दबाव व्यापारियों पर बनाते समय यह इन्हीं अपराधियों का साथ लेता था। बात यहीं तक न रुकी। व्यापारियों ने जब भारी भरकम सूद को चुकाने के लिए कमेटियां बनाईं तो उन कमेटियों का पैसा भी यह सूदखोर पत्रकार अपनी दबंगई के दम पर हड़प गया।
सूदखोर की दबंगई और दहशत का आलम यह है कि 20 फीसदी ब्याज पर बेटे को पैसा देने और न चुका पाने की एवज में वृद्ध पिता को ही जेल भिजवा दिया। लेकिन इसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में हुई बेटे की मौत में सूदखोर पर संदेह के बादल गहरा कर दिए। आजकल यह सूदखोर कुछ ब्लेकमेलर पत्रकारों के साथ मिलकर अपनी कलम से एक बार फिर व्यापारियों में दहशत पैदा करने में जुट गया है।
Vinit Kumar
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