नृत्य के जरिए रामलीला मंचन की अनूठी परंपरा है ‘रम्माण मेला’
जोशीमठ। विश्व सांस्कृतिक धरोहर ‘रम्माण मेला’ 26 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा। धार्मिक पंरपरा के अनुसार भूमि क्षेत्रपाल देवता के अपने मूल स्थान पर प्रतिष्ठित होने के बाद इस वर्ष रम्माण मेले के आयोजन की तिथि निश्चित की गई। पंचाग गणना के अनुसार इस वर्ष 26अप्रैल को रम्माण मेले का मुख्य आयोजन होगा। इससे पूर्व के धार्मिक अनुष्ठान वैसाखी पर्व से शुरू हो गए हैं।
रम्माण के आयोजन को लेकर हुई बैठक में ग्रामीणों द्वारा तय किया गया कि 26 अप्रैल को रम्माण मेले में सूबे के सीएम त्रिवेन्द्र रावत, पर्यटन-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज और बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट को आमंत्रित किया जायेगा।
बताते चलें कि पैनखांडा जोशीमठ के रम्माण मेले को वर्ष 2009 मे यूनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया गया. तब से लेकर अब तक देश के विभिन्न राष्ट्रीय एव अंर्तराष्ट्रीय आयोजनों मे रम्माण का प्रदर्शन किया जा चुक है। नृत्य द्वारा रामलीला मंचन की इस अनूठी परंपरा को नजदीक से देखने के लिए वर्ष 2010 में तत्कालीन सीएम डा. रमेश पोखरियाल निशंक व 2015 में निर्वतमान सीएम हरीश रावत भी सलूड-डुंग्रा पहुंच चुके हैं।
इनके अलावा प्रख्यात लोकगायक नरेन्द्र सिह नेगी व अन्य लब्ध प्रतिष्ठित विभूतियां भी रम्माण देखने के लिए सलूड-डुंग्रा पधार चुकी हैं। इस वर्ष भी रम्माण को लेकर व्यापक तैयारियं शुरू हो चुकी है।
रम्माण मेले की एक झलक देखें :
जोशीमठ से युवा पत्रकार नितिन सेमवाल की रिपोर्ट.