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उत्तर प्रदेश

यूपी के सभी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को अब ये काम करना होगा, सूचना निदेशक शिशिर का फ़रमान देखें

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकारों (स्वतंत्र और वरिष्ठ पत्रकारों) से पूर्णकालिक होने का हलफनामा मांगा है।

इस हलफनामे में इस बात की शपथ पत्र देना होगा कि वे पूर्णकालिक पत्रकार हैं, कोई अन्य व्यवसाय तो नहीं कर रहे हैं।

अखबार का स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक होने के बावजूद राज्य मुख्यालय की मान्यता के साथ जिले की मान्यता जिसने ले रखी है, उन्हें भी अपनी स्थिति को स्पष्ट करना होगा।

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हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू भाषा का ज्ञान न होने के बावजूद इन्हीं भाषा के अखबारों से राज्य मुख्यालय की मान्यता ले रखी है तो भी बताना होगा।

राज्य मान्यता प्राप्त पत्रकारों के हलफनामे को जांचने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने पत्रकारों की एक कमेटी बनाई है।
सूचना विभाग राज्य मुख्यालय के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को

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नोटिस भेज कर जल्द से जल्द हलफनामा माँगा जा रहा है। सूचना विभाग फर्जी और नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले पत्रकारों की मान्यता समाप्त करने के साथ ही विधिक करवाई करने की तैयारी में है।

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3 Comments

3 Comments

  1. Jagdish verma

    August 19, 2022 at 9:03 pm

    अब पत्रकारों को अग्निवीर बनाने की तैयारी है ।
    केवल पत्रकारिता से किसका पेट पाल रहा है । या तो उल्टे सीधे तरीके से धन कमा रहे हैं या फिर किसी बड़े संस्थान से जुड़े अच्छे पदों पर लगे पत्रकारों को पत्रकारिता में धन मिल रहा है । बाकी तो किसी तरह से अन्य काम भी करके पत्रकारिता के कीड़े को जिंदा रखे हैं ।

  2. Aamir Kirmani

    August 21, 2022 at 11:43 am

    आमिर किरमानी, हरदोई
    जिलों की मान्यता तो लॉलीपॉप की तरह है, जिसे चूस कर पेट नहीं भर सकता। कुछ साल पहले तो फ्री मेडिकल सुविधा, रेलवे टिकट में कंसेशन और रोडवेज मैं निशुल्क यात्रा की सुविधा मिलती थी। लेकिन अब केवल रोडवेज की ही सुविधा ही मिलती है। सवाल यह है कि रोडवेज बस की यात्रा साल में कितने पत्रकार और कितनी बार करते होंगे, अधिकतम शायद तीन चार बार, वह भी केवल कुछ लोग।
    जिलों की मान्यता तो केवल आत्म सम्मान और स्टेटस सिंबल का नमूना भर रह गई है। क्योंकि केवल पत्रकारिता से किसी का परिवार नहीं चलता। यदि आदमी कोई और काम नहीं करेगा तो उसका घर कैसे चलेगा।
    सरकारी फरमान के मुताबिक अब इस बात का हलफनामा लिया जाएगा कि हम कोई और धंधा नहीं करते, जबकि ज्यादातर सभी लोगों को मालूम है कि जिले के मान्यता प्राप्त पत्रकारों को न कोई सैलरी देता है और ना ही कोई अन्य खर्चे खर्चे। अगर देता भी है तो केवल मानदेय, जिससे उसका केवल मोबाइल और पेट्रोल का खर्च ही निकल सकता है।

  3. Ahmad Sitwat

    December 26, 2022 at 10:34 pm

    Dear Sir.
    Mr.Nisar Ahmad Farooqui his late wife Rizwana sampaadak of Iram Al Huda Times Urdu daily from Barabanki and Lucknow have amazed great wealth in Akhilesh Yadav ministry.
    There is no copy available for this Urdu morning
    Junaid Farooqui has also become manyata prapt patrakar are using letter head to influence the officers in PARKH QAUMI TIMES etc.
    After investigation their manyata may be cancelled

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