Arun Sathi : बेशर्म पत्रकार की शर्मनाक खबर … सूखी नदी में ला दिया बाढ़…. नालंदा में बांध टूटा, दो जिलों से संपर्क भंग हेडिंग की खबर को रविवार को दैनिक जागरण, नालंदा अखबार के मुख्य पृष्ठ पर देख कर मैं चौंक गया। मैं शनिवार को इसी गांव में खबर के लिए गया हुआ था जहाँ ग्रामीण सड़क के बाढ़ में बह जाने के बाद किसी अधिकारी के देखने नहीं आने की शिकायत कर रहे थे. यहाँ की नदियाँ सूखी हुई थीं और गाँव वालों ने अपने मेहनत से रोड को बना कर आवागमन चालू किया था।
दैनिक जागरण ने आज मुख्य पेज पर प्रकाशित किया कि नदी में बाढ़ आ गयी है और दो जिला का संपर्क ध्वस्त हो गया है। यह पूरी तरह से झूठी खबर है। पढ़ कर मुझे गहरा आघात लगा। माना की पत्रकार थोड़ा बहुत ख़बरों में मिर्च मशाला लगा देते है पर यह तो आपराध है। जो घटना घटी नहीं उसकी खबर … इससे पता लगता है की आज हमारी पत्रकारिता किस हद तक पतन की ओर अग्रसर है। यहं रिपोर्टर के पास न तो सामाजिक जिम्मेवारी है और न ही नैतिक मूल्य…. उसी नदी की सच्ची तस्वीर जो मैंने रविवार को खींची थी, संलग्न है.
पत्रकार अरुण साथी के फेसबुक वॉल से.
Comments on “दैनिक जागरण के रिपोर्टर ने सूखी नदी में ला दिया बाढ़”
झूठ का खजाना है दैनिक जागरण नालंदा के रिपोर्टर ,सिर्फ वाहवाही के गलत खबर छापने में भी नहीं हिचकते है