संजय कुमार सिंह-
सुपरटेक अगर ईमानदारी से काम कर रही थी तो भाजपा को 2016-17 में पांच करोड़ रुपए का चंदा किसलिए दिया था। सौमित्र राय के मुताबिक 2014-15 में पांच करोड़, 2015-16 में एक करोड़ और 2016-17 में एक करोड़ यानी कुल करीब 12 करोड़ रुपए तो दिए ही हैं। भाजपा को मिले चंदे की सूची देखिए।
लिंक ये है- https://myneta.info/party/index.php?action=all_donors&id=3

सुपरटेक लिमिटेड ने साल 2016-17 में भाजपा को पांच करोड़ रुपए दर्ज हैं। कहने की जरूरत नहीं है कि भ्रष्टाचार की इमारत भले गिर गई सुपरटेक ने सभी निवेशकों के पैसे नहीं लौटाए हैं और जिनके लौटाए हैं उनके सफेद पैसे ही, काले का तो कोई हिसाब ही नहीं होता है। अगर आप समझ रहे हैं कि बिल्डिंग गिराने से भ्रष्टाचार खत्म हो गया या जीरो टॉलरेंस है तो यह नोट कर लीजिये कि ये और पीएम केयर्स में लिया गया दान सफेद धन है। काला धन तो छोटी पार्टियों और भ्रष्ट अफसरों के पास ईडी-सीआईडी बरामद करती है। जिनके पास रखने की जगह भी नहीं है। और शाहरुख खान के बेटे से वसूली के मामले की जांच नहीं होती है। हालांकि, यह सब अलग मुद्दा है। अभी तो आप सूची देखिये।
इस सूची में सड़क बनाने वाली एक कंपनी भी है। मॉर्डन रोड मेकर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2014-15 में साढ़े आठ करोड़ रुपए देकर देश में सड़कों का जाल बुनने का ठेका ले लिया हो तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। आप जानते हैं कि बाद में छह लेन की एक किलोमीटर सड़क को छह किलोमीटर कहा जाने लगा। करोड़ रुपए से ज्यादा देने वालों के नाम ऊपर की सूची में है देखिए, जानिए। और ये पीएम केयर्स का विवरण नहीं है। दान देने वालों में भाजपा नेता की कंपनी लोधा बिल्डर्स भी है और निरमा-निरमा वॉशिंग पाउडर… निरमा लिमिटेड के नाम भी पांच करोड़ रुपए (2020-2021) दर्ज है। हीरो लिमिटेड और मुंजल सेल्स ने भी पांच-पांच करोड़ रुपए दिए हैं। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (2013-14) और मुथूट फाइनेंस लिमिटेड (2019-20) भी चार करोड़ रुपए देने वालों में हैं। बिल्डर और रियलटर तो कई हैं।
कई अनजाने से नाम भी हैं। मुझे लार्सन एंड टुब्रो का नाम देखकर भी आश्चर्य हुआ। सूची देखकर ऐसा लगता है कि चंदा भले स्वेच्छा से दिया हो पर दे सकने वाला शायद ही कोई हो जिसकी बांह न मरोड़ी गई हो। ऐसे में गाजियाबाद का मेवाड़ विश्वविद्यालय (2019-20) भी दो करोड़ रुपए देने वालों में है। अपना जाना पहचाना तिहाड़ी माफ कीजिएगा ज़ी एंटरटेमेंट एंटरपाइजेज भी 2016-17 में दो करोड़ देने वालों में है। कंपनियों में लगता है सबसे ज्यादा चंदा एक बार में आईटीसी लिमिटेड ने दिया है। 30 करोड़ से ऊपर का यह दान 2019-20 का है। 2019-20 में ही कंपनी के नाम 17 करोड़ से ऊपर की राशि दर्ज है।