सुल्तानपुर : पत्रकारिता की आड़ में वसूली करने के आरोप में 3 पत्रकार पुलिस के हत्थे चढ़े. पुलिस ने गिरफ्तार कर तीनों पत्रकारों को दीवानी न्यायालय में किया पेश जहां से उन्हें जमानत मिल गई. सुल्तानपुर में अपने को प्राइम न्यूज़ का स्टेट हेड, सुल्तानपुर समय और आरटीआई न्यूज़ का संवाददाता बताने वाले सुरेश दूबे, एफएम टीवी के आसिफ बेग और इंडिया वाच के धर्मेन्द्र सोनी कुछ दिनों पहले 26 दिसंबर 2018 को सीएचसी कादीपुर गये हुए थे. इस दौरान उनके साथ वहां का एक स्थानीय व्हाट्सअप पत्रकार हरिशंकर सोनी भी मौजूद था.
आरोप है कि ये सभी लोग शराब पीने के बाद जबरन सीएचसी के अंदर प्रसव कक्ष में घुस गये और वहां के स्टाफ से गाली गलौज करने लगे. स्टाफ का आरोप है कि इन लोगों ने पैसों की डिमांड की. पैसा न देने पर खबर चलाने की धमकी दी. सीएचसी स्टाफ ने पुलिस को फोन कर दिया तो ये लोग भाग खड़े हुये. नाराज अस्पताल कर्मियों ने स्थानीय पत्रकार हरिशंकर को नामजद करते हुये बाकी इन तीनों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करवा दिया.
इसी सिलसिले में पुलिस ने इनके नगर स्थित कार्यालय में छापेमारी की. देर रात पुलिस सुरेश दूबे, धर्मेन्द्र सोनी और आसिफ बेग को गिरफ्तार कर सकी. हरिशंकर सोनी फरार है. इन सभी को दीवानी न्यायालय में पेश किया गया जहाँ इन लोगों को जमानत मिल गई. कादीपुर के हरिशंकर सोनी पर पहले से ही कई आरोप हैं.
Comments on “सुल्तानपुर में वसूली के आरोप में तीन पत्रकार गिरफ्तार, एक फरार”
ये गलत खबर है बल्कि सत्यता यह है कि जब कैमरे में अस्पताल की कमियां कैमरे में कैद हुई तब CHC प्रभारी ने महिला स्टॉप को आगे लाकर फर्जी ढंग से मुकदमा दर्ज करवाया न कोई पैसे डिमांड हुई न ही कोई किसी को अशब्द बोला
अगर आपको वीडियो रिकार्डिंग देखनी हो तो कृपया बताएं कि आपके व्हाट्सप नम्बर पर भेज दिया जाए
ताकि खबर की सत्यता की पहचान हो सके
बाकी आप लोग बड़े है जो लिख सकते है लिख दे
यह वही अस्पताल है जहाँ टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन हुआ था डॉक्टर का पैसा लेने का वीडियो वायरल हुआ था स्वीपर द्वारा मरीज को टाँका लगाने का वीडियो वायरल हो चुका है उस दिन जब मीडिया पहुंची तो सभी स्टाफ अस्पताल में ताला लगाकर अलाव ताप रहे थे जिसकी फुटेज कैमरे में कैद हो गई कोई कार्यवाही न हो इसके लिए पुलिस और भ्रष्ट स्वास्थ्यकर्मियों ने पत्रकारों को बदनाम करने के लिए झूठी शिकायत कर दी लापरवाही की न्यूज़ भी फ़्लैश हो चुकी है, अभद्रता का कोई वीडियो या प्रूफ हो तो दिखाए जबकि मीडिया के पास स्वतकर्मियो की लापरवाही का पूरा सबूत है प्रेस को बदनाम करने की घिनौनी साजिश की निंदा करता हूँ
सभी पत्रकार निष्पक्ष है इन्हें बदनाम करने की साजिश है जिस स्टाफ ने शिकायत की है वह कई आरोपो से घिरी है
ये भ्रस्ट अधिकारियों की साजिश है खबर कवरेज से बौखलाए स्वस्तकर्मियो और पुलिस ने साठ गांठ कर फर्जी शिकायत दर्ज किया है कादीपुर अस्पताल के कर्मचारी भरष्टाचार के मामले में अक्सर सुर्खियों में रहते है सही बात यहाँ डॉक्टर के घूस लेने स्वीपर द्वारा मरीज का टाँका लगाने और पैसा बचाने के चक्कर मे टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन का वीडियो वायरल हो चुका है पता चला है उस दिन सभी कर्मचारी अस्पताल में ताला बंद कर अलाव ताप रहे थे जब यह करतूत कैमरे में कैद हो गई तो पत्रकारों के खिलाफ साजिश रच दिया जो अदालत में एक मिनट भी नही टिक पाई