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आनंद पांडे संभालेंगे ‘नईदुनिया’ को?

: कानाफूसी : चीफ एडीटर श्रवण गर्ग ‘नईदुनिया’ से बिदा हो गए। अब उनकी जगह कौन लेगा, इस सवाल को लेकर काफी मंथन चल रहा था। ताजा खबर है कि दैनिक भास्कर रायपुर के एडीटर आनंद पांडे को श्रवण गर्ग की कुर्सी सौंपी जा रही है। आनंद पांडे पहले भी ‘नईदुनिया’ में रहे हैं, वे जबलपुर एडीशन में रेसीडेंट एडीटर थे। इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता कर चुके पांडे को चीफ एडीटर की जिम्मेदारी जरूर दी जा रही है, पर उनके लिए ये काम आसान नहीं होगा!

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0 Comments

  1. neeraj

    November 17, 2014 at 12:59 pm

    please correct the news that Shravan Garag is not ‘Bida’ from Naidunia, he has been sacked from Naidunia.

  2. shyamraghuvanshi

    November 17, 2014 at 10:07 pm

    ;चेला तो ये भी श्रवण गर्ग का ही है। पहली पारी में भी इन्हें नई दुनिया में श्रवण गर्ग ही ले गए थे। यानी गुरु गया तो चेला आ गया। क्या अंतर पड़ता है। नीतियां तो गुरु से पूछकर ही तय होंगीं।

  3. Anil Dwivedi

    November 18, 2014 at 12:02 am

    हर शख्स की अपनी योगयता और विजन होता है जिसके दम पर वह किसी संस्थान को आगे बढाता है. आदरणीय श्रवण गर्ग जी को छोड दें तो नईदुनिया में मैंने कुछ ऐसे संपादक भी देखे जो उसे संभाल नहीं सके और उसे रसातल में पहुंचा दिया. हाल इतने बिगडे कि नईदुनिया बिक गया. अब वह फिर से खडा हो रहा है तो जाहिर है आपको अच्छे लोगों पर भरोसा करना होगा, उन्हें जिम्मेदारी देनी होगी.

  4. Anil Dwivedi

    November 18, 2014 at 12:07 am

    जहां तक आनंद पाण्डे जी का सवाल है. मुझे याद है कि बतौर संपादक उन्होंने रायपुर दैनिक भास्कर को ऐसे समय में संभाला था जब अखबार खबरों की विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहा था, बाजारी प्रॉडक्ट खबरों पर भारी पड रहे थे और टीम वर्क की कमी थी तब श्री पाण्डे ने नये आइडियाज के साथ आगे बढे, मित्रवत व्यवहार के भरोसे सहयोगियों के बीच भरोसे का माहौल बनाया और भास्कर को खबरों के मामले में अव्वल रखकर अखबार की साख को लौटाने या बढाने का कार्य किया है. साफ है कि ऐसे संपादक कौन संसथान नहीं चाहेगा. इसलिए अब नईदुनिया श्री पाण्डे को लाने की तैयारी कर रहा है तो साफ है कि वह अच्छे और सुखद बदलाव की ओर चल पडा है. साफ कर दूं कि मैंने श्री पाण्डे के साथ कभी काम नहीं किया. यह टिप्पणी श्री पाण्डे जी के कुछ सहयोगियों की स्वीकारोक्‍‍ित भर है.

  5. mediaman

    November 19, 2014 at 8:54 am

    आनंद पांडे को भास्कर द्वारा सजा के तौर पर इंदौर से रायपुर भेजा गया था। वहां से उनका झारखंड तबादला हो गया था। छोड़ने ही वाले थे कि किस्मत से यह मौका हाथ लग गया।

  6. rk Gautam

    February 26, 2015 at 12:28 pm

    shyamraghuvanshi,. mediaman Pyare dono chutiyo tum na to padna jante ho or na hi tumhare koi sutra hain jisse tumhe patrkar kaha ja sake. gadho ke lando ki pedaiesho ananh pandey alok mehta ke najdiki the na ki sarwan garg ke, uenhe raipur saja par nahi raipur jo khali ho chuka tha use vapas jamane ke visvas par bheja gaya tha jo unhone pura bhi kiya…. or tu dono sahit vo log jinki soch tumse milti hai vo apni ma chudvate reh gaye.

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