Samar Anarya : पूरी दुनिया जानती है, हमेशा से, कि लेखक व पत्रकार आतिश तासीर पाकिस्तानी नेता सलमान तासीर और मोदीभक्त पत्रकार तवलीन सिंह के बेटे हैं. यह भी कि तवलीन और सलमान ने कभी शादी नहीं की और आतिश को तवलीन ने भारत में एकल माँ की तरह पाला। ज्ञात हो, सलमान पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हक़ के लिए, ईशनिंदा कानून के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हुए थे।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने आतिश को 2000 में ‘पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन’ (भारतीय मूल) का प्रमाणपत्र दिया। मोदी सरकार ने इसे और आगे बढ़ाकर 2015 में उन्हें ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया स्टेटस दिया। फिर इस मई में आतिश ने मोदी को डिवाइडर इन चीफ (बाँटने वालों का सरगना) कहते हुए लेख लिख दिया।
मोदी सरकार को अचानक वह पता चल गया जो दुनिया हमेशा से जानती थी- तवलीन सिंह खुद लिखती रहती हैं- कि आतिश का बाप पाकिस्तानी मूल का था! उसने आतिश की ओवरसीज नागरिकता रद्द कर दी!
अब, अगर मोदी सरकार सच बोल रही है तो भाजपा सरकारें भयानक अयोग्य हैं- देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं! वाजपेयी के समय पीआईओ और मोदी के समय ओसीआई देते वक़्त इनको पता ही नहीं चला कि उनके पिता कौन हैं? जांच क्या की थी फिर?
उनके प्रमाणन में जितने भी अधिकारी लगे थे- उनके पासपोर्ट पर हस्ताक्षर करने वाले तक- सबको तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। और अगर मोदी सरकार झूठ बोल रही है (रिकार्ड देखते हुए संभावना यही ज़्यादा है)- तो ये हरकत उस स्तर की टुच्चई है जो गली के गुंडों तक पर नहीं शोभती, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को तो भूल ही जाइये!
बाकी दुनिया भर में गज़ब खिल्ली उड़नी शुरू हो गई है! खुद तवलीन रो रही हैं, अपनी और अपनी भी माँ की उम्र बता रही हैं! टाइम के लेख रीट्वीट कर रही हैं!
बाकी क्या सोची थीं? धर्मांधों को चियरलीड करेंगी तो उनको कोई विशेष अधिकार मिल जायेगा?
ज्ञात हो कि पत्रकार आतिश तासीर ने ‘टाइम’ मैग्जीन की कवर स्टोरी ‘डिवाइडर इन चीफ’ शीर्षक से लिखी थी जिसमें मोदी सरकार के क्रिया-कलापों की कड़ी आलोचना की गई थी.
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारवादी अविनाश पांडेय समर उर्फ समर अनार्या की एफबी वॉल से.